ऑस्ट्रेलिया के सबसे सफल कोच जॉन बुकानन ने कहा है कि लगातार जीतों के रिकॉर्ड को लेकर हायतौबा और सिडनी की घटनाओं की वजह से ध्यान भंग हो जाने के कारण भी मेजबान टीम को पर्थ में भारत के खिलाफ तीसरे क्रिकेट टेस्ट में पराजय का मुँह देखना पड़ा।
बुकानन ने कहा कि दूसरे और तीसरे टेस्ट के दरमियान जो घटनाएँ हुईं उनका इस हार में काफी योगदान रहा। हर किसी को लग रहा था कि ऑस्ट्रेलिया लगातार 17 टेस्ट विजय का नया रिकॉर्ड बना लेगा। लोग इस मैच के तीन दिन में ही खत्म होने का कयास लगा रहे थे, जिससे खिलाड़ियों का प्रदर्शन प्रभावित हुआ। किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि भारत पर्थ टेस्ट को जीतने में सफल होगा। पिछले 11 साल में किसी भी टीम ने पर्थ में ऑस्ट्रेलिया को नहीं हराया था, लेकिन भारत ने सबको चौंकाते हुए उसे 72 रन से मात दे दी।
2000-2001 में भी ऑस्ट्रेलिया के लगातार 16 टेस्टों में जीत के सिलसिले को भारत ने ही तोड़ा था। बुकानन ने कोलकाता में खेले गए उस मैच का जिक्र करते हुए कहा कि भारत की पहली पारी के बाद हम जीत की उम्मीद कर रहे थे। ऐसी स्थिति में आने के बाद कई बार रास्ते को साफ साफ देख पाना आसान नहीं होता है।
पूर्व कोच ने इस धारणा का खंडन किया कि ऑस्ट्रेलिया का स्वर्णिम युग खत्म हो चुका है। उन्होंने उम्मीद जताई कि पर्थ में हार से ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों में नए जोश का संचार होगा और वे एडिलेड में आखिरी टेस्ट में बेहतर प्रदर्शन करेंगे।