लंबे समय बाद शतक जमाकर खुश हूँ:धोनी
नागपुर (भाषा) , गुरुवार, 29 अक्टूबर 2009 (00:18 IST)
भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली 124 रन की तूफानी पारी को अपनी सर्वश्रेष्ठ पारी तो नहीं माना लेकिन उन्होंने कहा कि लंबे समय बाद शतक जमाने से वह काफी खुश हैं, जिससे टीम इस मैच में बड़े अंतर से जीत दर्ज करने में सफल रही।धोनी ने भारत की दूसरे एकदिवसीय मैच में 99 रन से जीत के बाद कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ 148 रन (विशाखापट्टनम) और श्रीलंका के खिलाफ 183 रन (जयपुर) भी खास पारियाँ थी। एफ्रो एशियाई श्रृंखला का शतक भी शानदार था लेकिन यह पारी इसलिए अच्छी है क्योंकि मैंने लंबे समय बाद शतक जमाया। मैंने पिछले कुछ समय में 60 से 80 रन की कुछ नाबाद पारियाँ खेली थी लेकिन शतक तक नहीं पहुंच पाया था। विकेट अच्छा था और मैंने उसका फायदा उठाया।लगभग डेढ़ साल बाद वन डे में शतक जमाने वाले धोनी की इस धमाकेदार पारी से भारत ने सात विकेट पर 354 रन का विशाल स्कोर खड़ा करने के बाद ऑस्ट्रेलिया को 48.3 ओवर में 255 रन पर रोक दिया लेकिन भारतीय कप्तान ने जीत का श्रेय पूरी टीम को दिया।उन्होंने कहा कि हमने सचिन तेंडुलकर का विकेट जल्दी गँवा दिया लेकिन गौतम गंभीर और वीरेंद्र सहवाग ने आदर्श शुरुआत दी। इसके बाद युवराज सिंह ने भी अच्छा खेल दिखाया। मुझे अच्छा प्लेटफार्म मिला था और मैंने उसका पूरा फायदा उठाया। धोनी ने विशेष रूप से गंभीर और गेंदबाजों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि मैंने और गंभीर ने किसी तरह को जोखिम नहीं उठाने का फैसला किया। हमने छह रन की दर से रन बनाने की सोची। हम जानते थे हमारे पास पाँच ओवर का पावर-प्ले बचा है और यदि हम 38 या 40 वें ओवर तक खींच जाएँगे तो हम बड़ा स्कोर खड़ा करने में सफल रहेंगे। उन्होंने कहा कि गंभीर बहुत अच्छा रनर है और इससे हम दौड़कर तेजी से रन जुटाने में सफल रहे। मुझे नैरोबी की श्रृंखला याद है जब हम भारत ए की टीम में थे तथा मैंने और गौतम ने दौड़कर ढेरों रन जुटाए थे। धोनी ने अपने गेंदबाजों की भी तारीफ की जिसमें दस ओवर में 62 रन देने वाले हरभजन सिंह भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि आशीष नेहरा हमेशा नई गेंद का अच्छा इस्तेमाल करते हैं। प्रवीण ने आज विश्वसनीय गेंदबाजी की और उन्हें इस तरह का प्रदर्शन करते हुए देखना अच्छा लगा। ईशांत ने भी प्रभाव छोड़ा। उन्होंने कहा कि जडेजा और युवराज ने अच्छी भूमिका निभाई। हरभजन के केवल दो ओवर में रन बने और यदि आप उन्हें निकाल देते हैं तो उनकी गेंदबाजी शानदार रही। दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग ने कहा कि बड़े लक्ष्य का पीछा करना हमेशा आसान नहीं रहता। पिच एकदिवसीय मैच के लिहाज से शानदार थी और इसमें रन बनाए जा सकते थे लेकिन लक्ष्य का पीछा करना हमेशा आसान नहीं होता है। भारत हालाँकि जीत का हकदार था और उसने हमें खेल के हर विभाग में मात दी।ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने टॉस जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण करने के अपने फैसले को भी सही ठहराया और कहा कि उन्होंने सोचा था कि ओस जल्दी गिरेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पोंटिंग के अनुसार हमने जैसा सोचा था ओस ने उतनी भूमिका नहीं निभाई। जब ओस का प्रभाव दिख रहा था तब हमारे केवल दो विकेट बचे थे। हमने शुरू में तीन विकेट गँवा दिए, जिससे टीम दबाव आ गई। ऑस्ट्रेलिया इस मैच में तेज गेंदबाज ब्रेट ली के बिना उतरा था और पोंटिंग ने आशा जताई कि वह दिल्ली में होने वाले अगले मैच तक फिट हो जाएँगे।