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लक्ष्मण नहीं थे कमजोर कड़ी

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हमें फॉलो करें लक्ष्मण कमजोर कड़ी डेक्कन चार्जर्स
नई दिल्ली (भाषा) , बुधवार, 3 सितम्बर 2008 (12:42 IST)
स्टायलिश हैदराबादी बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण की नेतृत्व क्षमता पर उँगली उठाने वाले पाकिस्तानी ऑलराउंडर शाहिद अफरीदी पहले इंडियन प्रीमियर लीग के दौरान डेक्कन चार्जर्स की टीम की कमजोर कड़ी साबित हुए थे।

अफरीदी ने हाल में एक पाकिस्तानी चैनल को दिए साक्षात्कार में लक्ष्मण के साथ यह कहकर वाकयुद्ध शुरू किया कि इस भारतीय में आक्रामकता और नेतृत्व क्षमता की कमी है। अफरीदी ने इसके साथ ही कहा था कि एडम गिलक्रिस्ट डेक्कन चार्जर्स के लिए एक अच्छे कप्तान साबित हो सकते थे।

लक्ष्मण ने इसके जवाब में कहा था कि अफरीदी में टीम के प्रति निष्ठा नहीं है और हार के लिए एक खिलाड़ी नहीं पूरी टीम सामूहिक रूप से जिम्मेदार है।

इन दोनों क्रिकेटरों के बीच इस वाकयुद्ध के बीच यदि आईपीएल में डेक्कन चार्जर्स के खिलाड़ियों का प्रदर्शन देखा जाए तो अफरीदी सबसे फ्लाप रहने वाले खिलाड़ियों में शामिल हो जाते हैं।

डेक्कन चार्जर्स ने अफरीदी को लक्ष्मण से भी अधिक कीमत देकर खरीदा था, लेकिन इस पाकिस्तानी खिलाड़ी ने दस मैच में 10.12 की औसत से केवल 81 रन बनाए थे।

इसके विपरीत गिलक्रिस्ट, अफरीदी, एंड्रयू साइमंड्स, हर्शल गिब्स और स्काट स्टायरिस जैसे धुरंधर खिलाड़ियों को खरीदने के लिए आइकन बनने से इन्कार करने वाले लक्ष्मण ने चोटिल होने से पहले जो छह मैच खेले उनमें उनका प्रदर्शन संतोषजनक था।

लक्ष्मण ने इन छह मैच में 31.00 की औसत से 155 रन बनाए। यहीं नहीं उन्होंने अपनी शैली के विपरीत आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी की थी जो उनके स्ट्राइक रेट 117.52 से साबित हो जाता है।

जहाँ तक कप्तानी का सवाल है तो लक्ष्मण केवल छह मैच में ही टीम की अगुवाई कर पाए थे, जबकि अन्य मैच में गिलक्रिस्ट ही कप्तान थे, जिनके नाम की सिफारिश अफरीदी ने की है। लक्ष्मण ने स्वयं स्वीकार किया कि उन्होंने कभी गिलक्रिस्ट के काम में दखलदांजी नहीं की।

लक्ष्मण ने कहा कि गिलक्रिस्ट ने जब से मुझसे कमान संभाली तब से कप्तान पद पर पूरी तरह से उन्हीं का नियंत्रण था तथा एक सच्चे पेशेवर की तरह उन्होंने किसी अन्य से आदेश नहीं लिए और मैदान पर सभी फैसले खुद किए। असल में डेक्कन चार्जर्स की हार के लिए मुख्य रूप से विदेशी खिलाड़ी ही जिम्मेदार रहे।

गिलक्रिस्ट ने जरूर अच्छा प्रदर्शन किया और 14 मैच में 33.53 की औसत से 436 रन बनाए, लेकिन अन्य खिलाड़ी आशानुरूप प्रदर्शन करने में नाकाम रहे।

अफरीदी के अलावा गिब्स ने नौ मैच में 18.55 की औसत से 167 और स्टायरिस ने आठ मैच में 18.66 की औसत से 112 रन बनाए। साइमंड्स केवल चार मैच ही खेल पाए, जिसमें उन्होंने राजस्थान रायल्स के खिलाफ 117 रन की जोरदार पारी खेली लेकिन टीम यह मैच हार गई। इस ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर ने अन्य तीन मैच में केवल 44 रन बनाए।

डेक्कन के लिए भारतीय रोहित शर्मा (404 रन) और वेणुगोपाल राव (288 रन) ने विदेशी खिलाड़ियों से अधिक अच्छा प्रदर्शन किया।

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