पाकिस्तान के पूर्व कप्तान रशिद लतीफ ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद मैच फिक्सिंग का भंडाफोड़ करने वाले खिलाड़ियों की न तो पीठ थपथपाती है और न ही उनकी रक्षा करती है।
उन्होंने कहा कि खराब प्रदर्शन के लिए धन की पेशकश के खुलासे के बाद शोएब अख्तर को निशाना बनाना सरासर गलत है।
लतीफ ने कहा कि न ही आईसीसी और न ही भ्रष्टाचार रोधी और सुरक्षा इकाई (एसीएसयू) ने मैच फिक्सिंग को खत्म करने के लिए कुछ किया है।
लतीफ ने कहा कि मेरे लिए एसीएसयू मात्र एक सँस्था है, जो पहल करने वाली नहीं है और जिसके अधिकारी क्रिकेट से भ्रष्टाचार को खत्म करने के बजाय एक अच्छी जिंदगी बिता रहे हैं।
इस पूर्व विकेटकीपर ने शोएब का भी पक्ष लिया। एसीएसयू के अधिकारियों ने शोएब से पूछताछ की, जिन्होंने दावा किया कि उन्हें कमतर प्रदर्शन के लिए सट्टेबाजों ने धन की पेशकश की थी।
आईसीसी उस खिलाड़ी के खिलाफ कार्रवाई करने को तैयार हैं जिसने जानकारी का खुलासा नहीं किया लेकिन क्या आईसीसी और एसीएसयू उन खिलाड़ियों को पूरी सुरक्षा, इनाम और सम्मान देने के लिए तैयार हैं जो आगे आकर इसका खुलासा करते हैं।
लतीफ ने पूछा वह शोएब अख्तर के इस पेशकश का खुलासा न करने की बात कर रहे हैं लेकिन आखिर क्यों कोई खिलाड़ी आगे आए और सट्टेबाजों की पेशकश का खुलासा करे।
लतीफ ने कहा कि खेल में मैच फिक्सिंग अब भी कायम है हालाँकि यह विभिन्न प्रारूपों में हैं। उन्होंने कहा मैंने उन्हें इस बारे में बताया है और खिलाड़ियों को भ्रष्ट बनाने के विभिन्न तरीकों के बारे में लिखा भी है।
लतीफ का मानना है कि निजी लीग में खिलाड़ियों के बीच भ्रष्टाचार की संभावना अधिक है क्योंकि यहाँ राष्ट्रीय गौरव दाँव पर नहीं लगा होता।
अपने देश का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि कुछ साल पहले इंग्लैंड में ट्वेंटी- 20 चैम्पियनशिप में शिरकत कर रहे पाकिस्तान के एक घरेलू क्रिकेटर ने मैच का नतीजा तय करने के लिए पेशकश मिलने की शिकायत की थी। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि इस मामले कोई गंभीर जाँच हुई या नही।