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लारा ने क्रिकेट को अलविदा कहा

हमें फॉलो करें लारा ने क्रिकेट को अलविदा कहा
ब्रिजटाउन , रविवार, 3 जून 2007 (19:38 IST)
टेस्ट मैच में सर्वाधिक रन बनाने वाले वेस्टंइडीज के कप्तान ब्रायन लारा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है।

लारा ने कहा कि शनिवार को इंग्लैंड के खिलाफ मैं अपना अंतिम एकदिवसीय क्रिकेट मैच खेलूँगा और यह मेरे कॅरियर का आखिरी मैच होगा। उन्होंने कहा कि मैंने इस पर बहुत गहराई से सोच-विचार किया और शनिवार को मैं एक खिलाड़ी के रूप में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दूँगा।

टेस्ट क्रिकेट में 34 शतक जमाने वाले इस दिग्गज बल्लेबाज ने एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से पहले ही संन्यास की घोषणा कर दी थी, लेकिन टेस्ट क्रिकेट खेलते रहने की मंशा जताई थी।

लारा ने ने टेस्ट खेलते रहने के बारे में सारी संभावनाओं पर विराम लगाते हुए कहा कि वह जून में इंग्लैंड दौरे पर नहीं जाएँगे। लारा ने संकेत दिया कि उन्हें चयनकर्ताओं, टीम प्रबंधन और बोर्ड अधिकारियों से पर्याप्त समर्थन नहीं मिला।

लारा ने कहा कि मैं उम्मीद करता हूँ जो कोई मेरी जगह कप्तान बनेगा, उसे सभी का पूर्ण समर्थन मिलेगा। उन्होंने कहा कि अंतराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए केवल प्रतिभा की ही जरूरत नहीं होती है।

बाएँ हाथ के इस कलात्मक बल्लेबाज ने 1990 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा। उन्होंने 298 एकदिवसीय मैच में 40.57 की औसत से 10 हजार 387 रन बनाए, जिसमें 19 शतक भी शामिल हैं। उनका उच्चतम स्कोर 169 रन रहा।

टेस्ट क्रिकेट में उनका रिकॉर्ड इससे भी प्रभावशाली है। लारा ने 131 टेस्ट मैच में 11 हजार 953 रन बनाए और उनका औसत 52.88 रहा। उनके नाम पर 34 शतक दर्ज हैं, जो सचिन तेंडुलकर के 35 शतक से केवल एक कम है।

इसके अलावा टेस्ट क्रिकेट में एक पारी में सर्वाधिक स्कोर नाबाद 400 रन और प्रथम श्रेणी क्रिकेट में नाबाद 501 रन का रिकॉर्ड भी लारा के नाम पर ही दर्ज है। लारा के इस फैसले ने क्रिकेट प्रेमियों को सकते में डाल दिया क्योंकि विश्व कप से पहले स्वयं उन्होंने ही कहा था कि वह 40 साल तक टेस्ट क्रिकेट में बने रहना चाहते हैं।

तब लारा ने कहा था कि मैं केवल 37 साल का हूँ। कई खिलाड़ी 40 साल तक खेलते रहे। वेस्टइंडीज क्रिकेट को फिर से पटरी पर लाने के लिए अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। बांग्लादेश के खिलाफ मैच के बाद अपने भविष्य को लेकर कई सवालों का सामना करने के बाद लारा ने एक संवाददाता सम्मेलन में संन्यास की घोषणा करके सब को सन्न कर दिया।

लारा ने कहा 'यदि यह अंतिम सवाल है तो मैं अभी यही कहूंगा कि मैं चाहता हूँ कि सभी यह जान लें कि मैं शनिवार को एक खिलाड़ी के तौर पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने जा रहा हूँ। मैं इस बारे में पहले ही बोर्ड से बात कर चुका हूँ और अभी मैं सभी को शुक्रिया कहना चाहता हूँ।'

टेस्ट क्रिकेट में कई बेजोड़ पारियाँ खेलने वाले लारा इसके बाद भावुक हो उठे। उन्होंने कहा कि मैं अपने फैसले से बोर्ड और खिलाड़ियों को अवगत करा चुका हूँ। मुझे पूरा विश्वास था कि मैं विश्व कप में अपना 300वाँ मैच खेलूँगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

वेस्टइंडीज के विश्व कप सेमीफाइनल में पहुँचने में असफल रहने के बाद से ही लारा के भविष्य को लेकर कयास लगाए जाने लगे थे। उन्होंने कहा जो गुजर गया उसके बारे में बात न करें तो सही रहेगा। हमें अब भविष्य पर ध्यान देना होगा।

वैसे माना जा रहा है कि वेस्टइंडीज टीम की असफलता के अलावा चयनकर्ताओं और वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड के साथ मतभेदों की वजह से भी इस स्टार बल्लेबाज ने संन्यास का फैसला किया।

लारा ने संकेत दिए कि संन्यास के बाद भी वह वेस्टइंडीज क्रिकेट में योगदान देना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि खेल छोड़ने के बाद मैं गुमनामी में नहीं चला जाऊँगा मैं इस खेल का छात्र हूँ। मैंने बहुत कुछ पढ़ा है और मैं वेस्टइंडीज क्रिकेट के इतिहास को जानता हूँ। मैं जानता हूँ कि लोगों के लिए इसके क्या मायने हैं।

बंटी और पर्ल लारा के 11 बधाों में से 10वीं संतान लारा ने 1990 में पाकिस्तान के खिलाफ लाहौर में अपना पहला टेस्ट मैच खेला। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में 277 रन की पारी खेली, जो उनका पहला टेस्ट शतक था। बाद में लारा ने इसी शहर के नाम पर अपनी बेटी का नाम रखा।

लारा ने 1994 में इंग्लैंड के खिलाफ एंटीगा में 375 रन बनाकर सर गारफील्ड सोबर्स के 36 साल पुराने विश्व रिकॉर्ड को भंग किया। इसी साल उन्होंने वॉरविकशर की तरफ से डरहम के खिलाफ नाबाद 501 रन बनाए, जो प्रथम श्रेणी क्रिकेट में रिकॉर्ड है।

ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज मैथ्यू हैडन ने लारा के एक पारी में सर्वाधिक स्कोर के टेस्ट रिकॉर्ड को बीच में अपने नाम कर दिया था, लेकिन लारा ने छह महीने बाद ही इंग्लैंड के खिलाफ एंटीगा में ही नाबाद 400 रन बनाकर यह रिकॉर्ड फिर से अपने नाम कर दिया।

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