पूर्व कप्तान और कोच अजित वाडेकर ने 'टीम इंडिया' के लिए भारतीय कोच रखे जाने की पुरजोर ढंग से वकालत की और कहा कि विदेशी कोच ने विश्व कप में खासा निराश किया था।
वाडेकर के अनुसार भारत विभिन्न भाषाओं और संस्कृति वाला देश है। किसी विदेशी के लिए इस संस्कृति को समझना और क्रिकेटरों से अच्छा प्रदर्शन निकलवाना काफी मुश्किल है।
उन्होंने कहा कि हमारे पास संदीप पाटिल जैसे अच्छे कोच हैं जिन्होंने केन्या और भारतीय जूनियर टीमों के साथ काफी अच्छा काम किया है। मोहिन्दर अमरनाथ और गुंडप्पा विश्वनाथ ने भारतीय बल्लेबाजी को एक नया 'ग्लैमर' दिया था। वे किसी विदेशी से कम नहीं हैं।
वाडेकर के मुताबिक मुझे आश्चर्य है कि सचिन, गांगुली, द्रविड़ और लक्ष्मण जैसे खिलाड़ियों के होते हुए भारत पिछले एक वर्ष में अच्छे परिणाम हासिल नहीं कर पाया है। हमें प्रशिक्षण के ऑस्ट्रेलियाई तरीकों की जरूरत नहीं है। हमें प्रशिक्षण और फिटनेस के अपने तौर तरीके विकसित करने होंगे।
2003 में पिछले विश्व कप के बाद आईसीसी रेकिंग में हम दूसरे स्थान पर थे, लेकिन अब हम आठवें स्थान पर आ गए हैं। इससे पता लगता है कि हम कहाँ खड़े हैं और हमारी जरूरत क्या है।
वाडेकर इस बात पर अफसोस जताया कि टीम स्टाइलिश बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण की प्रतिभा का सही इस्तेमाल नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि लक्ष्मण बेहद शानदार बल्लेबाज हैं। कोई भी आस्ट्रेलिया के खिलाफ ईडन गार्डन में उनकी 28। रन की पारी को नहीं भूल सकता है।
मुझे अफसोस है कि टीम प्रबंधन मुश्किल दौरों के लिए उनकी सेवाओं का इस्तेमाल कर रहा है लेकिन आसान श्रृंखलाओं में उन्हें ब्रेंच पर बैठा रहा है। यह वास्तव में भारतीय क्रिकेट केलिए दुखद है।
सचिन तेंडुलकर पर टिप्पणी करते हुए वाडेकर ने कहा कि 17 साल क्रिकेट में गुजारने के बाद अब भी वह बेहतरीन खिलाड़ी है। वह जानते हैं कि क्या सही है और उन्हें कब रिटायर होना है। विज्ञापन करने का उनके प्रदर्शन पर कोई असर नहीं है हालाँकि उन्हें इनका अपने खेल के साथ संतुलन बैठाने की जरूरत है।