मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर के गुरू रमाकांत आचरेकर ने अपने प्रिय शिष्य के एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दोहरा शतक जमाकर इतिहास रचने पर खुशी व्यक्त करते हुए उनको भविष्य में लगातार यूँ ही बुलदियाँ छूने का आशीर्वाद दिया।
रमाकांत आचरेकर ने मुंबई से विशेष बातचीत में कहा कि मैं बहुत खुश हूँ। मैं चाहता हूँ कि वह अपने करियर में इसी तरह की कामयाबियों को चूमता रहे।
जब यह रिकार्डो के बादशाह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दोहरा शतक जमा रहा था तो उनके कोच मैदान में एक कार्यक्रम में मौजूद थे। तेंडुलकर ने नाबाद 200 रन की पारी खेली।
उनकी बेटी कल्पना ने इस बात की जानकारी दी और कहा कि जैसे ही वह घर पहुँचे और उन्हें यह पता चला और वह बहुत खुश हुए। इसके बाद से वह टीवी से चिपके रहे।
रमाकांत आचरेकर ने कहा कि मैं सचिन को भविष्य में इसी तरह की उपलब्धियाँ अपने नाम करने का आशीर्वाद देता हूँ और चाहता हूँ कि वह इसी तरह से प्रदर्शन कर देश का नाम ऊँचा करता रहे।
यह पूछने पर कि अब वह अपने शिष्य से अब क्या चाहते हैं और उनके रिकार्डो के बादशाह बनने के बारे में क्या कहना चाहेंगे तो रमाकांत आचरेकर ने कहा कि मैं सिर्फ यही चाहता हूँ कि वह अपने बढ़िया खेल को जारी रखे और नित नई बुलंदियों को छूता रहे। उसका खेल ही उसकी उपलब्धि है।
सचिन तेंडुलकर ने एक कार्यक्रम में कहा था कि रमाकांत सर के थप्पड़ ने ही उन्हें क्रिकेट में कामयाबी दिलाई और अपने सफलतम करियर का सारा श्रेय अपने गुरूदेव को दिया था।
हालाँकि तेंडुलकर की इस उपलब्धि से रमाकांत आचरेकर इतने खुश थे कि उनके मुँह से ज्यादा शब्द नहीं निकल रहे थे।
इस पर उनकी बेटी कल्पना ने कहा कि पापा बहुत खुश हैं और सचिन के लिए हमेशा सफलता की ऊँचाईयों पर छूने की कामना करते रहते हैं। वह तब से मैदान से आए हैं, टीवी से चिपके हुए हैं और मैच देख रहे हैं। उनका चेहरा उनकी खुशी बयान कर रहा है।
यह पूछने पर कि क्या उन्होंने तेंडुलकर से बात की तो उन्होंने कहा, ‘अभी तो नहीं, क्योंकि अभी मैच चल रहा है लेकिन वह सचिन के इतिहास रचने पर बधाई देंगे।’ (भाषा)