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श्रीसंत ने की विज्ञापन की वकालत

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तिरुवनंतपुरम , सोमवार, 4 जून 2007 (00:09 IST)
क्रिकेटरों के प्रायोजनों की संख्या सीमित करने के क्रिकेट बोर्ड के फैसले पर टीम के तेज गेंदबाज एस श्रीसंत ने जोर देकर कहा कि विज्ञापनों में काम करने से मैदान पर खिलाड़ी का प्रदर्शन प्रभावित नहीं होता।

श्रीसंत ने कहा अगर हम विज्ञापन करते हैं तो इसमें क्या गलत है। भारत में क्रिकेट धर्म की तरह है। यह दूसरे देशों की तरह नहीं है और इससे (विज्ञापन से) प्रदर्शन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

उन्होंने कहा उदाहरण के लिए सचिन बूस्ट पीते हैं (विज्ञापन में)। अगर आप किसी उत्पाद को बेच सकते हैं तो ऐसा क्यों न करें।

राज्य के बाल साहित्य संस्थान में बच्चों से बातचीत के दौरान श्रीसंत ने कहा कि विश्व कप से भारत के पहले ही दौर में बाहर होने का उन्हें दुःख है, लेकिन विश्व कप के साथ क्रिकेट खत्म नहीं हो जाएगा।

विश्व कप में खेलने का मौका नहीं मिलने का क्या उन्हें मलाल है यह पूछने पर श्रीसंत ने कहा सभी ख्वाहिशें तो पूरी नहीं होती, लेकिन मुझे यकीन है कि मेरा दिन आएगा।

उन्होंने कहा है कि जोहानसबर्ग में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच आखिरी टेस्ट में दक्षिण अफ्रीकी तेज गेंदबाज आंद्रे नेल की गेंद पर छक्का जड़ना उनके कॅरियर का सबसे गौरवशाली क्षण था।

श्रीसंत ने कहा पूरे मैच में नेल मुझे डराने की कोशिश कर रहे थे। जिस समय मैं बल्लेबाजी के लिए क्रीज पर उतरा, उन्होंने मुझे यह कहकर उकसाया कि उन्हें खून की गंध आ रही है। मैंने उनकी गेंद पर छक्का उड़ाकर उन्हें शानदार जवाब दिया। इसमें मुझे जितना आनंद आया, उसे मैं बयान नहीं कर सकता।

श्रीसंत के अनुसार कहा कि कैरेबियाई कप्तान ब्रायन लारा का विकेट मिलना उनके कॅरियर का खुशनुमा पल था और वह भी उस मैदान पर, जहाँ लारा ने 400 रन बनाए थे।

यह पूछने पर कि उनकी सबसे बड़ी इच्छा क्या है? उन्होंने कहा मैं सचिन तेंडुलकर के साथ पारी की शुरुआत करना चाहता हूँ। कौन जानता है कि मुझे मौका मिल जाए।

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