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श्रृंखला जीतने के साथ नंबर एक का दावा

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मीरपुर , मंगलवार, 12 जनवरी 2010 (16:02 IST)
जीत की हैट्रिक के साथ लय में लौटी भारतीय टीम बुधवार को यहाँ त्रिकोणीय श्रृंखला के फाइनल में श्रीलंका पर अपना दबदबा कायम रखने और नए सत्र की सकारात्मक शुरुआत करने के इरादे से मैदान पर उतरेगी। यह मैच भारतीय समयानुसार दोपहर 1.30 बजे से प्रारंभ होगा।

भारत त्रिकोणीय श्रृंखला के अपने पहले मैच में श्रीलंका से हार गया था लेकिन उसके बाद टीम ने वापसी करते हुए बांग्लादेश के खिलाफ दो और कुमार संगकारा की टीम के खिलाफ एक जीत दर्ज करते हुए फाइनल में प्रवेश किया।

महेंद्र सिंह धोनी की टीम का पिछले साल एकदिवसीय रिकॉर्ड अच्छा रहा था और उसने चार श्रृंखलाएँ जीती। टीम अब मौजूदा त्रिकोणीय श्रृंखला जीतने को बेताब है, जिससे आगामी मुश्किल सत्र से पहले टीम का आत्मविश्वास बढ़े।

पाकिस्तान ने जून में एशिया के बाद आईसीसी चैम्पियन्स ट्रॉफी को छोड़ वह सभी एकदिवसीय प्रतियोगिताएँ जीती, जिसमें श्रीलंका शामिल था। कल फाइनल में जीत से भारत और आईसीसी एकदिवसीय रैंकिंग में चोटी पर चल रहे ऑस्ट्रेलिया के बीच का अंतर भी कम हो जाएगा। भारत जब 123 अंक के साथ त्रिकोणीय श्रृंखला के उतरा तो उसके और ऑस्ट्रेलिया के बीच में सात अंक का अंतर था और पिछले माह नंबर एक की कुर्सी पर काबिज होने वाला भारत एक बार फिर एकदिवसीय मैचों का सरताज बनने को बेताब है।


कल फाइनल मैच के साथ ही दो टीमों के बीच सर्वाधिक मैच खेलने का रिकॉर्ड भी बन जाएगा। यह भारत और श्रीलंका के बीच 121वाँ मैच होगा जिससे ये दोनों टीमें ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज (120) को पीछे छोड़ देंगे। भारत की बल्लेबाजी एक बार फिर उसका मजबूत पक्ष है और शीर्ष क्रम के उसके सभी बल्लेबाज अच्छे फॉर्म में हैं और विराट कोहली बांग्लादेश के खिलाफ कल शतक के साथ टूर्नामेंट में सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी बन गए हैं। दो मैच के बाद वीरेंद्र सहवाग की वापसी से भी टीम की बल्लेबाजी को मजबूती मिलेगी।

सहवाग की वापसी का मतलब होगा कि पिछले दो मैचों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले दिनेश कार्तिक को खिताबी मुकाबले में बाहर बैठना पड़ेगा। भारत की गेंदबाजी में हालांकि टूर्नामेंट के दौरान निरंतरता की कमी दिखी है। रविवार को श्रीलंका के खिलाफ प्रभावी प्रदर्शन करने से पहले जहीर खान की अगुआई वाले गेंदबाजी आक्रमण को जूझना पड़ा था।

स्लाग ओवरों में गेंदबाजी हालाँकि भारत की चिंता का सबब बनी हुई है और कल बांग्लादेश के खिलाफ भी गेंदबाजों ने अंतिम ओवरों में जमकर रन लुटाए। भारत को अगर फाइनल में जीत दर्ज करनी है तो कल जहीर को बेहतर प्रदर्शन करना होगा, जिन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ आराम दिया गया था।

पिछले दो मैचों में आराम के बाद आफ स्पिनर हरभजन सिंह के भी कल टीम में वापसी करने की उम्मीद है जिसके कारण लेग स्पिनर अमित मिश्रा को बाहर बैठना पड़ सकता है, लेकिन देखना यह होगा कि युवा तेज गेंदबाज सुदीप त्यागी को एस श्रीसंथ पर तरजीह मिलती है या नहीं। श्रीसंथ ने काफी रन दिये हैं लेकिन उन्होंने चार मैचों में चार विकेट भी हासिल किए।

श्रीलंका दूसरी तरफ भारत के खिलाफ लगभग दो साल में पहली जीत दर्ज करने को बेताब है। श्रीलंका ने भारत के खिलाफ पिछली दो द्विपक्षीय श्रृंखलाएँ और पिछले साल सितंबर में त्रिकोणीय टूर्नामेंट (काम्पैक कप) गँवाया है।

पिछले मैच में भारत के हाथों करारी शिकस्त के बाद श्रीलंका की टीम का मनोबल थोड़ा गिरा होगा लेकिन तिलकरत्ने दिलशान और उपुल थरंगा की सलामी जोड़ी बेहतरीन लय में है जबकि तीसरे नंबर पर संगकारा की मौजूदगी में टीम अपने दिन किसी भी टीम को हराने में सक्षम है।

संगकारा 219 रन के साथ टूर्नामेंट में सर्वाधिक रन बनाने वालों की सूची में दूसरे स्थान पर हैं जबकि बांग्लादेश के खिलाफ शतक बनाने वाले पूर्व कप्तान महेला जयवर्धने मध्यक्रम को मजबूती प्रदान करते हैं। कल हालाँकि काफी कुछ टॉस पर भी निर्भर होगा क्योंकि शाम को गेंदबाजों को ओस के कारण गेंद को ग्रिप करने में दिक्कत होती है।

टीमें इस प्रकार हैं - भारत : महेंद्र सिंह धोनी (कप्तान), वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, विराट कोहली, सुरेश रैना, रोहित शर्मा, रविंद्र जडेजा, हरभजन सिंह, जहीर खान, आशीष नेहरा, युवराज सिंह, सुदीप त्यागी, दिनेश कार्तिक, एस. श्रीसंथ, अशोक डिंडा और अमित मिश्रा में से।

श्रीलंका : कुमार संगकारा (कप्तान), तिलकरत्ने दिलशान, महेला जयवर्धने, उपुल थरंगा, तिलन समरवीरा, तिलन कंदाम्बी, लाहिरू थिरिमाने, तिषारा परेरा, मलिंगा बंडारा, नुवान कुलशेखरा, तिलन तिषारा, सूरज रणदीव, सुरंगा लकमल, चनाका वेलेगेदारा, महेला उदावटे और दिनेश चंदीमाल। (भाषा)

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