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सचिन को बस क्रिकेट से है प्यार

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लंदन (वार्ता) , सोमवार, 16 जुलाई 2007 (17:02 IST)
विज्ञापन बाजार भले ही कुछ कहे या फिर रिकॉर्ड बुक में चाहे कितने ही कारनामे सचिन तेंडुलकर के नाम हों, लेकिन सिर्फ इस खेल के प्रति उनका प्यार ही मास्टर ब्लास्टर को दिन पर दिन क्रिकेट की नई बुलंदियों पर पहुँचा रहा है।

सचिन के अनुसार मुझे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलते हुए 18 साल हो गए। मैं अब भी खेल रहा हूँ क्योंकि मुझे अब भी इस खेल से प्यार है। मैं फिर साफ कर दूँ कि मैं रिकॉर्ड के लिए नहीं खेल रहा हूँ। मैं जब तक खेलूँगा इसका पूरा लुत्फ उठाऊँगा।

'द टाइम्स' ने सचिन के हवाले कहा है जहाँ तक रिकॉर्ड की बात है तो जब आप मैदान में जाते हैं तो कुछ रिकॉर्ड तो बनेंगे ही, लेकिन अहम है इसकी वजह और मेरे लिए मैदान में जाने की वजह रिकॉर्ड नहीं, बल्कि क्रिकेट के प्रति मेरा प्यार है।

बात अलग है कि वन-डे हो या टेस्ट, रिकॉर्ड बुक का शायद ही कोई पन्ना हो, जिसमें मास्टर ब्लास्टर का जिक्र न हुआ हो। वन-डे और टेस्ट में सबसे ज्यादा शतक उनके नाम दर्ज हैं। वन-डे में सबसे ज्यादा रन और न जाने क्या-क्या...।

सचिन ने कहा कि तीन साल की उम्र से मेरा जुड़ाव क्रिकेट से है। मैने कभी नहीं सोचा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा शतक या रन बनाऊँगा, लेकिन जब रिकॉर्ड बनता है तो हर किसी को खुशी होती है और मैं भी इसका लुत्फ उठाता हूँ। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि मैं क्रिकेट रिकॉर्ड बनाने के लिए खेल रहा हूँ।

सचिन ने कहा जब मैंने खेल शुरू किया, मैं हमेशा से ही खुद को सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों की कतार में शामिल करना चाहता था। इस उद्देश्य ने मुझे हमेशा कड़ी मेहनत के लिए प्रेरित किया। सचिन को पता है कि भारत में क्रिकेट प्रेमी बेहद भावुक हैं।

अच्छे प्रदर्शन पर वे खिलाड़ियों को सर आँखों पर बिठाते हैं तो शिकस्त मिलने पर वे इन्हीं खिलाड़ियों के खिलाफ सड़कों तक पर उतर आते हैं। सचिन कहते हैं इतने सारे लोग आपका खेल देखते हैं। लोगों का मूड बहुत हद तक इस बात पर निर्भर करता है कि आपका दिन भर का प्रदर्शन कैसा रहा।

अगर आप अच्छा प्रदर्शन नहीं करेंगे तो लोग तो उखड़ेंगे ही। प्रदर्शन अच्छा रहा तो खिलाड़ियों समेत खेल प्रेमियों का मनोबल भी ऊँचा रहेगा। सच कहूँ तो बल्लेबाजी के लिए जाते हुए मेरे दिमाग में ये सब नहीं आता, क्योंकि जब आप बल्लेबाजी कर रहे होते हैं तो आपका ध्यान सिर्फ और सिर्फ गेंद पर होता है। आप खेल के बारे में सोचते हैं और किसी चीज के बारे में नहीं।

इंग्लैंड दौरे के लिए अपनी तैयारियों के बारे में उन्होंने कहा कि मैंने सभी प्रमुख गेंदबाजों का बारीकी से अध्ययन किया है। बल्लेबाज को तो हमेशा चौकन्ना रहना होता है। फिर चाहे गेंदबाज स्टीव हार्मिसन हो या फिर कोई और। बल्लेबाज को आउट करने के लिए सिर्फ एक अच्छी गेंद की जरूरत होती है।

आगे की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मुझे किसी तरह का गिला-शिकवा नहीं है। मैं सकारात्मक सोच का व्यक्ति हूँ। मैं अच्छी यादों को बनाए रखना चाहता हूँ। गलतियों से सीखता हूँ और अपनी राह चलता रहता हूँ।

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