ऑस्ट्रेलिया दौरे के शुरू से ही लचर फार्म में चल रहे युवराज सिंह का अब जहाँ उनकी माँ मनोबल बढ़ा रही हैं, वहीं बाएँ हाथ का यह बल्लेबाज अपनी खोई फॉर्म हासिल करने के लिए किसी और से नहीं, बल्कि महान सचिन तेंडुलकर से टिप्स ले रहे हैं।
भारतीय क्रिकेटरों की अगली पीढ़ी के राजकुमार युवराज का टीम में स्थान खतरे में पड़ा हुआ है। उन्हें किसी भी समय टीम से बाहर किया जा सकता है। ज्यादा से ज्यादा एक या दो और खराब पारियों के बाद उन्हें बेंच पर बैठना पड़ सकता है।
बेटे की इस स्थिति से अच्छी तरह से वाकिफ उनकी माँ पिछले आठ दिन से उनके साथ हैं। हो सकता है कि वे युवराज के 200वें एकदिवसीय मैच तक स्वदेश लौट जाएँ।
यदि युवराज श्रीलंका के खिलाफ 19 फरवरी को खेलते हैं तो यह उनका 200वाँ मैच होगा जो उनको जश्न में डुबो सकता है या फिर उनका दर्द बढ़ा सकता है।
बाएँ हाथ के इस बल्लेबाज ने पिछली पाँच टेस्ट पारियों में 2, 0, 5, 12, 0 का स्कोर बनाया है। एकदिवसीय मैचों में उनका स्कोर 2, 3 और 6 रन है। उन्होंने इस श्रृंखला में अब तक टेस्ट या वनडे में 100 गेंद भी नहीं खेलीं।
उनकी असफलता से सभी परेशान हैं और युवराज भी नहीं समझ पा रहे हैं कि हमेशा उनका शॉट हवा में क्यों चला जाता है। वे इस श्रृंखला में शार्ट एक्स्ट्रा कवर या शार्ट मिडविकेट पर फ्लिक करने के प्रयास में आउट हुए। अब उन्हें किसी और ने नहीं बल्कि सचिन तेंडुलकर ने ग्रिप बदलने की सलाह दी है।
तेंडुलकर ने युवराज को अपनी शीर्ष ग्रिप को 'राउंड हैंडेड' रखने की सलाह दी है। इससे उनका अपने ऊपरी हाथ पर नियंत्रण रहेगा और उनके शॉट हवा में नहीं जाएँगे।
यह बड़ी रोचक सलाह है लेकिन असल में तेंडुलकर ने उनके स्टांस को देखकर ऐसी सलाह दी है। युवराज जब गेंद का इंतजार करते हैं तो उनका बायाँ कंधा बल्लेबाजी स्टांस की तरफ झुका रहता है। तेंडुलकर का मानना है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि युवराज यह मानकर चलते हैं कि प्रत्येक गेंद उनके लिए बाउंसर आएगी।
गेंदबाज भी उन्हें बैकफुट पर रखने के लिए शार्ट पिच गेंद करते हैं जिससे वे तेजी से फ्रंटफुट पर नहीं आ पाते और उनका अपने ड्राइव पर पूरा नियंत्रण नहीं रहता।
तेंडुलकर का मानना है कि युवराज अपनी असंगति को सुधारें। तेंडुलकर का मानना है कि युवराज को बाउंसर से चिंतित होने की जरूरत नहीं है। उन्हें अपनी सक्रियता पर विश्वास करना चाहिए कि वे उन्हें आसानी से खेल सकते हैं।
यही नहीं तेंडुलकर ने उन्हें अपनी सर्वश्रेष्ठ पारियों को याद करने के लिए भी कहा है। दक्षिण अफ्रीका में ट्वेंटी-20 विश्व कप में उन्होंने (युवराज ने) छह छक्के जड़े थे और इनमें से अंतिम छक्के को छोड़कर बाकी सभी प्वाइंट के ऊपर से गए थे और उन्होंने इन्हें फ्रंटफुट पर आकर जमाया था।
तेंडुलकर ने इस दौरे के शुरू में भी युवराज को ऑस्ट्रेलियाई पिचों की तेजी से वाकिफ होने के लिए नेट्स पर अधिक से अधिक गेंदबाजी करने की सलाह दी थी, लेकिन घुटने की चोट के कारण वे इसका अधिक अभ्यास नहीं कर पाए।