श्रीलंका के पूर्व कप्तान मर्वन अटापट्टू का मानना है कि सौरव गांगुली सरीखे खिलाड़ियों को बाहर करके एकदिवसीय टीम में केवल युवाओं को रखने से भारतीय टीम का संतुलन बिगड़ सकता है।
इंडियन क्रिकेट लीग में दिल्ली जाइंट्स के कप्तान अटापट्टू ने कहा कि जहाँ तक एकदिवसीय क्रिकेट का सवाल है, गांगुली अब भी चुके नहीं हैं। यदि मैं गांगुली की जगह होता तो मुझे निराशा होती।
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि आपको युवा और अनुभव के अच्छे मिश्रण की जरूरत और इसके लिए आपको सीनियर खिलाड़ियों की जरूरत है।
अटापट्टू ने इसके साथ ही कहा कि बोर्ड को गांगुली और राहुल द्रविड़ जैसे खिलाड़ियों के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए था, जिन्होंने टीम की काफी सेवा की है।
उन्होंने कहा कि इन खिलाड़ियों के साथ ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए। यदि चयनकर्ताओं ने उन्हें बाहर करने का फैसला कर लिया था तो उन्हें बता देना चाहिए था कि अब उनका समय गुजर गया है। वे सम्मान के हकदार हैं।
आईसीएल के एक अन्य खिलाड़ी और न्यूजीलैंड के आलराउंडर क्रिस हैरिस को हालाँकि इसमें कुछ भी गलता नहीं लगता और उन्होंने कहा कि टीम ने महेंद्रसिंह धोनी की अगुवाई में अच्छा प्रदर्शन किया।
हैरिस ने कहा कि यहाँ तक कि सीनियर खिलाड़ियों के बिना भी वह बेहतरीन टीम है। हालाँकि सीनियर खिलाड़ियों को सम्मान के साथ विदा लेने का मौका दिए बिना उन्हें बाहर करना सही नहीं है लेकिन मुझे लगता है कि भारत का युवा टीम के साथ उतरना सही रहा है।
उन्होंने कहा कि ट्वेंटी-20 विश्व कप और ऑस्ट्रेलिया में त्रिकोणीय श्रृंखला में भारत ने युवा टीम उतारी और उसने अच्छे परिणाम दिए। मैं यही कहना चाहूँगा कि यदि सीनियर संन्यास भी ले लेते हैं तब भी भारतीय क्रिकेट सुरक्षित हाथों में है।