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सेमीफाइनल में गेंदबाज होंगे 'ट्रंपकार्ड'

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सबाइना पार्क (जमैका)। , रविवार, 3 जून 2007 (21:32 IST)
विश्व कप के पहले सेमीफाइनल मुकाबले में मंगलवार को जब श्रीलंका और न्यूजीलैंड की टीमें यहाँ आमने-सामने होंगी तो एक-दूसरे को नेस्तनाबूद करने के लिए तरकश के लगभग सारे तीर जबर्दस्त फार्म में चल रहे इनके धुरंधर गेंदबाजों के पास होंगे। सुपर आठ चरण में न्यूजीलैंड को हराने वाली श्रीलंकाई टीम को मनोवैज्ञानिक बढ़त जरूर हासिल होगी।

विश्व कप 1996 वाला प्रदर्शन दोहराने की फिराक में यहाँ पहुँची श्रीलंका के गेंदबाजी आक्रमण में वह धार है जो दुनिया के किसी भी बल्लेबाजी क्रम की ध्वस्त कर सकती है। अनुभवी चमिंडा वास खतरनाक लासिथ मलिंगा और सुपरफास्ट दिलहारा फर्नांडो बल्लेबाजों को छकाने का माद्दा साबित कर चुके हैं।

चोट से उबर चुके मलिंगा और फर्नांडो थोड़े आराम के बाद टीम में लौट रहे हैं। दूसरी ओर अपनी सटीक लाइन और लैंग्थ के दम पर वास हर परिस्थिति में उपयोगी साबित होते आए हैं। श्रीलंका के पास फिरकी के जादूगर मुथैया मुरलीधरन के रूप में तुरूप का इक्का है, जो अपनी असाधारण क्षमता के दम पर किसी भी समय मैच का पासा पलट सकते हैं।

अब तक श्रीलंका ने टूर्नामेंट में विरोधी को 250 रन से अधिक नहीं बनाने दिए हैं। यही कहानी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच से पहले न्यूजीलैंड की भी थी। बल्लेबाजी में पूर्व चैम्पियन के पास सनत जयसूर्या जैसे पुराने सिपहसालार हैं जबकि कप्तान महेला जयवर्धने और विकेटकीपर कुमार संगकारा भी ॉर्म में लौट चुके हैं।

श्रीलंका की चिंता निचले क्रम के उसके बल्लेबाजों का फॉर्म है। विश्व कप के कुछ मैचों में उसने निचले क्रम के विकेट सस्ते में गँवाए हैं। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उसके आखिरी पाँच विकेट 15 रन और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 17 रन के भीतर गिर गए थे।

दोनों मौकों पर शुरूआती झटकों से मध्यक्रम ने उबारा था। क्रीज पर जम चुके बल्लेबाजों ने हमेशा टीम को संकट से उबारा है और न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच में संगकारा ने इसका नमूना पेश किया। अपनी क्षमता के अनुरूप नहीं खेल पाने के लिए हमेशा आलोचना झेलने वाली कीवी टीम पहली बार विश्व कप के फाइनल में पहुँचने का मौका गँवाना नहीं चाहेगी।

ऑस्ट्रेलिया के हाथों सुपर आठ चरण के आखिरी मैच में बुरी तरह परास्त कीवी टीम ने अपनी कमियों को दूर करने की कवायद पूरी कर ली होगी। कोच जॉन ब्रासवैल हवाई अड्डे से सीधे मैदान पर पहुँचे, जहाँ उन्होंने पिच का जायजा लिया। इस पिच से तेज गेंदबाजों को मदद मिलने की उम्मीद है। पिछले कुछ दिन से हो रही नियमित बारिश और आसमान पर घिरे बादलों से मौसम में नमी रहने की संभावना है जिससे गेंदबाजों को स्विंग भी मिलेगी।

शेन बांड की वापसी से कीवी टीम का मनोबल शर्तिया कई गुना बढ़ा होगा। बांड ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नहीं खेल सके थे। यहाँ के हालात में 'बांड एक्सप्रेस' और जैकब ओरम मिलकर शुरुआती ओवरों में कहर बरपा सकते हैं। बाएँ हाथ के स्पिनर डेनियल विटोरी और ऑफ स्पिनर जीतन पटेल मिलकर कीवी आक्रमण को संतुलित बनाते हैं।

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