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हमें तुम पर नाज है 'जम्बो'

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जब भी भारतीय क्रिकेट की चर्चा होती है तो यहाँ स्पिन गेंदबाजी को याद किया जाता है। स्पिन की कला हमेशा से ही भारत की ताकत रही है। अनिल कुंबले द्वारा संन्यास लेने की घोषणा के साथ ही भारतीय स्पिन कला का एक अध्याय पूरा हो गया।

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इस अध्याय में प्रशंसकों ने ऐसे गेंदबाज को देखा, जिसकी गेंदें ज्यादा टर्न नहीं लेतीं, फिर भी उन्होंने विश्व क्रिकेट के शीर्ष पर अपना मुकाम बनाया। कुंबले को साथी खिलाड़ी 'जम्बो' कहते हैं और अपने नाम के अनुरुप जम्बो ने अपने करियर में कई उपलब्धियाँ हासिल की।

कुछ मीठे तो कुछ खट्‍टे अनुभव भी जम्बो की जिंदगी में आए। अपनी जोरदार गेंदबाजी से भारतीय क्रिकेट को नई सफलताएँ दिलाने वाले कुंबले हमें तुम पर 'नाज' है। कुंबले ने भारतीय क्रिकेट हस्तियों के दिल में खास जगह बनाई है। संन्यास लेने के बाद कुंबले के लिए भारतीय क्रिकेट सूरमाँओं की राय कुछ इस तरह से है-

बिशनसिंह बेदी : पूरे देश को कुंबले पर नाज है, मुझे लगता है कि उन्हें नागपुर टेस्ट में खेलना चाहिए था, लेकिन चोट की वजह से ऐसा हो नहीं पाया।

सौरव गांगुली : कुंबले के द्वारा खाली किए गए स्थान को भर पाना आसान नहीं होगा। चोट के बावजूद गेंदबाजी करना तथा ओवल में बनाया गया शतक उनकी जीवटता को दर्शाता है।

राहुल द्रविड़ : कुंबले भारत के महानतम क्रिकेटर हैं। वे अप्रतिम करियर वाले अप्रतिम खिला़ड़ी रहे। उन्होंने हमेशा साथियों को प्रेरित करने का कार्य किया।

सचिन तेंडुलकर : कुंबले सदियों तक प्रेरणास्रोत बने रहेंगे। एंटिगुआ में जबड़े में फ्रेक्चर के बावजूद उनका गेंदबाजी कर ब्रायन लारा को आउट करना जुझारूपन की जबर्दस्त मिसाल है।

सुनील गावस्कर : मानसिक रूप से थकान की वजह से कुंबले ने संन्यास का निर्णय लिया। उनकी कमी महसूस की जाती रहेगी।

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