न्यूजीलैंड के न्यायाधीश जॉन हैन्सन ने कहा कि तीन मैचों के प्रतिबंध के खिलाफ हरभजनसिंह की अपील पर सुनवाई के दौरान वह नए सबूत पेश करने की इजाजत दे सकते हैं।
हरभजन को सिडनी में इसी माह खेले गए दूसरे क्रिकेट टेस्ट के दौरान ऑस्ट्रेलिया के एकमात्र अश्वेत खिलाडी एंड्रयू साइमंड्स पर नस्लभेदी फब्ती कसने का दोषी पाया गया था।
हरभजन ने इस आरोप का खंडन किया है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने प्रतिबंध के खिलाफ हरभजन की तरफ से अपील दायर की है, जिसकी सुनवाई यहाँ मंगलवार से होगी।
न्यूजीलैंड के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश हैन्सन ने कहा कि वह शुरुआती सुनवाई के दौरान रखे गए सभी साक्ष्यों पर गौर करेंगे। वह ऐसे अतिरिक्त साक्ष्यों को भी रखने की इजाजत दे सकते हैं, जो उस समय मैच रेफरी माइक प्रॉक्टर के पास मौजूद नहीं थे।
हैन्सन ने कहा कि प्रॉक्टर ने जिन साक्ष्यों के आधार पर हरभजन के खिलाफ प्रतिबंध लगाया था, उनकी समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि स्टंप कैमरे से मिली तस्वीरें और ध्वनियां उस समय प्रॉक्टर के पास उपलब्ध नहीं थीं, मगर अब सुनवाई के दौरान इन्हें रखने की इजाजत दी जा सकती है।
बीसीसीआई ने चेतावनी दी थी कि अगर हरभजन को दोषमुक्त नहीं किया गया तो वह भारतीय टीम का मौजूदा ऑस्ट्रेलिया दौरा रद्द कर सकता है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से कई रियायतें मिलने के बाद बीसीसीआई ने अपनी चेतावनी वापस ले ली और भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया में खेलना जारी रखा।
आईसीसी ने भारत की आपत्तियों के मद्देनजर वेस्टइंडीज के अंपायर स्टीव बकनर को सिरीज से हटा दिया और हरभजन को अपील पर सुनवाई पूरी होने तक के लिए खेलने की इजाजत दे दी गई।