भारत के खिलाफ तीसरे और अंतिम क्रिकेट टेस्ट में शनिवर को यहां ड्रॉ से संतुष्ट वेस्टइंडीज के कप्तान डेरेन सैमी ने कहा कि इस मैच में हार से उनके दिल टूट जाते, विशेषकर पहली पारी में विशाल स्कोर खड़ा करने के बाद।
वेस्टइंडीज के खिलाफ श्रृंखला में व्हाइटवाश करने के लिए भारत 243 रन के लक्ष्य का पीछा कर रहा था, लेकिन टीम मैच की अंतिम गेंद तक नौ विकेट पर 242 रन ही बना सकी।
मैच के बाद संतुष्ट दिख रहे सैमी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि मेरे दिमाग में हर तरह की बातें आ रही थी। एक समय टाई टेस्ट का खयाल भी मेरे दिमाग में आया। मैं कवर्स में किर्क (एडवर्ड्स) से बात कर रहा था और उसने कहा कि हम ड्रॉ करा सकते है, हम हारेंगे नहीं। 590 रन बनाने के बावजूद मैच हारने से हमारा दिल टूट जाता।
भारत को अंतिम ओवर में जीत के लिए तीन रन की जरूरत थी, लेकिन टीम दो रन ही जुटा सकी। आर. अश्विन मैच की अंतिम गेंद पर दो रन लेने की कोशिश में रन आउट हुए। वेस्टइंडीज के कप्तान ने हालांकि कहा कि पहले ही श्रृंखला गंवा देने के कारण वे श्रृंखला का अंत जीत के साथ करना पसंद करते।
सैमी ने कहा कि बेशक, हम नतीजे से खुश हैं, लेकिन जीत सोने पे सुहागा होती। बेहतर रैंकिंग वाली टीम के खिलाफ जीत दर्ज करके खुशी होगी। इससे हमें कुछ अंक भी मिलते। हमारा लक्ष्य टेस्ट क्रिकेट में शीर्ष पांच में जगह बनाना है।
उन्होंने कहा कि इस तरह के मैच जीतने के लिए हमें दोनों पारियों में अच्छी बल्लेबाजी करने की जरूरत है, लेकिन अंत में यह क्रिकेट का अच्छा मैच रहा। सैमी ने साथ ही कहा कि लक्ष्य हासिल करने की भारत की कोशिश ने मेहमान टीम में अप्रत्याशित जीत हासिल करने की उम्मीद भी जगा दी थी।
उन्होंने कहा कि जब विराट कोहली और धोनी खेल रहे थे तब 15 ओवर बचे थे और जीत के लिए 50 से 55 रन की जरूरत थी। रवि रामपाल देवेंद्र बिशू के साथ मिलकर अच्छी गेंदबाजी कर रहे थे। भारतीय खिलाड़ियों ने लक्ष्य हासिल करने का फैसला किया, लेकिन इस प्रक्रिया में कोहली और ईशांत शर्मा के विकेट भी गंवा दिए।
वे लक्ष्य हासिल करने की कोशिश में थे, लेकिन इससे हमें मैच जीतने का मौका भी मिला। सैमी ने अपनी चोट के बारे में कहा कि मेरी मांसपेशियों में खिंचाव आ गया था और मैंने फैसला किया है कि आगमी वनडे श्रृंखला में गेंदबाजी करके मैं इसके साथ कोई जोखिम नहीं उठाऊंगा। (भाषा)