अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर पिछले 2 सालों में 1900 से अधिक किसानों ने शिकायतें दर्ज कराई हैं। यह जानकारी गुजरात विधानसभा में सोमवार को प्रश्नकाल के दौरान सामने आई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट अहमदाबाद और मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन के लिए गुजरात में भूमि अधिग्रहण का लगभग 95 फीसदी काम पूरा हो गया है। लेकिन इस प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर राज्य और केंद्र सरकार के दावों के बावजूद अभी भी लगभग 2 हजार किसान गुजरात में भूमि अधिग्रहण का विरोध कर रहे हैं। गुजरात विधानसभा में राज्य सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक आवश्यक भूमि का लगभग 5 प्रतिशत अभी भी अधिग्रहण किया जाना है।
कुछ कांग्रेसी विधायकों ने राज्य सरकार से सवाल किया था कि पूरे रूट के अलग-अलग जिलों में अहमदाबाद और मुंबई के बीच हाईस्पीड रेल नेटवर्क के अधिग्रहण के लिए कितनी जमीन की जरूरत थी, कितनी जमीन का अधिग्रहण हुआ और अधिग्रहण के संबंध में सरकार को कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं। सवाल का जवाब देते हुए राजस्व मंत्री कौशिक पटेल ने बताया कि परियोजना के लिए कुल 73,64,819 हैक्टेयर भूमि की जरूरत थी। आवश्यक भूमि में से अब तक 69,98,888 हैक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है और अभी भी 3,65,931 हैक्टेयर भूमि किसानों से हासिल की जानी है, जो आवश्यक कुल भूमि का लगभग 5 प्रतिशत है।
विधायकों ने यह भी पूछा था कि भूमि अधिग्रहण के संबंध में कितने किसानों ने विरोध किया और अधिकारियों से शिकायत की? मंत्री ने इस सवाल के जवाब में कहा कि कुल 1,908 किसानों ने प्रधानमंत्री की परियोजना के बारे में विरोध या शिकायत की थी। सबसे ज्यादा शिकायतें सूरत (940), उसके बाद भरुच (408), वलसाड़ (236), नवसारी (209), वडोदरा (26) से मिलीं। अहमदाबाद के 4 किसानों ने भी भूमि अधिग्रहण के खिलाफ शिकायत की। राज्य सरकार के मुताबिक खेड़ा और वलसाड़ में भूमि अधिग्रहण का काम हो चुका है।