-वीके/एए (रॉयटर्स, एएफपी)
भले ही दुनिया में अन्य जगहों पर विवाद और युद्ध जारी हैं लेकिन अमेरिका का कहना है कि उसका पूरा ध्यान हिन्द-प्रशांत क्षेत्र पर है। एंटनी ब्लिंकन के एशिया दौरे से पहले अमेरिकी अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया है। इस हफ्ते अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन एशिया के दौरे पर जा रहे हैं।
जापान में जी-7 देशों की बैठक में शामिल होने से पहले वह जॉर्डन में रुकेंगे। जापान के बाद उनकी दक्षिण कोरिया और भारत जाने की योजना है। यह यात्रा 10 नवंबर को पूरी होगी।
इस यात्रा की तैयारी में जुटे अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि यह दौरा दिखाता है कि अमेरिका अब भी हिन्द-प्रशांत क्षेत्र को लेकर कितना प्रतिबद्ध है। अमेरिका में पूर्वी एशिया के मामलों के लिए जिम्मेदार वरिष्ठ राजनयिक डेनियल क्रिटेनब्रिंक ने कहा, 'विदेश मंत्री का क्षेत्र का यह दौरा दिखाता है कि अन्य वैश्विक चुनौतियों के बीच इंडो-पैसिफिक के लिए अमेरिका कितना प्रतिबद्ध है।'
क्रिटेनब्रिंक ने कहा कि ब्लिंकन टोक्यो में जी-7 देश के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक में हिस्सा लेंगे। इसके अलावा वह जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा और विदेश मंत्री योको कामीकावा से भी मिलेंगे। उन्होंने कहा, 'हमारी उम्मीद है कि वे बैठकें मध्य पूर्व की घटनाओं, यूक्रेन के लिए समर्थन, हिन्द-प्रशांत में सहयोग और अन्य द्वीपक्षीय मुद्दों पर केंद्रित होंगी।'
क्रिटेनब्रिंक ने जी-7 की अध्यक्षता के लिए जापान की तारीफ करते हुए कहा कि उसने 'जी-7 को वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर पूरी तरह केंद्रित रखा है।' जब क्रिटेनब्रिंक से पूछा गया कि क्या उन्हें यकीन है, जी-7 इस्राएल-हमास युद्धपर एक सख्त बयान जारी करेगा, तो उन्होंने इस सवाल का जवाब नहीं दिया।
भारत में मानवाधिकारों और लोकतंत्र की बात
चीन के विदेश मंत्री से हुई मुलाकात को लेकर ब्लिंकन जी-7 के अपने सहयोगियों को क्या बताएंगे? इस सवाल के जवाब में क्रिटेनब्रिंक ने कहा कि जी-7 देश यह देखना चाहते हैं कि अमेरिका चीन के साथ अपनी प्रतिद्वन्द्विता को जिम्मेदारी से संभाल रहा है।
उन्होंने कहा, 'हिन्द-प्रशांत क्षेत्र के लिए हमारी प्रतिबद्धता अटूट है और वहां हमारी कूटनीति का केंद्र अपने सहयोगियों, साझीदारों और दोस्तों के साथ संबंध मजबूत करने, सामूहिक रूप से क्षमताएं बढ़ाने और दुनिया में नियमबद्ध व्यवस्था को साझा समर्थन बढ़ाने पर है।'
दक्षिण एशियाई मामलों के लिए जिम्मेदार अमेरिकी राजनयिक डॉनल्ड वू ने कहा कि भारतीय नेताओं के साथ मुलाकात के दौरान ब्लिंकन का एजेंडा लोकतांत्रिक मूल्यों और मानवाधिकारों को मजबूत करने पर केंद्रित होगा। इसके अलावा वह स्वच्छ ऊर्जा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, अंतरिक्ष, सेमीकंडक्टर निर्माण और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जैसे मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे।
चीन के साथ सहयोग
अमेरिका चीन के साथ भी वैश्विक चुनौतियों पर सहयोग करना चाहता है। इस महीने सैन फ्रैंसिस्को में एशिया-पैसिफिक इकोनॉमिक कोऑपरेशन (APEC) की बैठक होनी है जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात होने की संभावना है।
इस सम्मेलन के संदर्भ में अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका चीन के साथ वैश्विक चुनौतियों पर सहयोग करना चाहता है लेकिन इसके लिए राष्ट्रीय सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं होगा। येलेन ने कहा, 'हम जानते हैं कि अमेरिका और चीन के संबंध दुनियाभर के लिए महत्वपूर्ण हैं। इन्हें संतुलित रखना जरूरी है।
अमेरिका चीन के साथ जलवायु परिवर्तन और कम आय वाले देशों पर बढ़ते कर्ज के बोझ जैसी वैश्विक चुनौतियों पर सहयोग करना चाहता है लेकिन हम अपने राष्ट्रीय सुरक्षा हितों और मानवाधिकारों पर समझौता नहीं करेंगे।'