Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

बांग्लादेश के चुनाव में गड़बड़ी फैला रहा है पाकिस्तान: हसीना

हमें फॉलो करें बांग्लादेश के चुनाव में गड़बड़ी फैला रहा है पाकिस्तान: हसीना
, शुक्रवार, 28 दिसंबर 2018 (12:00 IST)
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पर बांग्लादेश के चुनावों में दखलंदाजी के आरोप लग रहे हैं। प्रधानमंत्री शेख हसीना का कहना है कि पाकिस्तान चुनाव में विपक्षी बीएनपी पार्टी की मदद करना चाहता है।
 
 
बांग्लादेश में होने वाले आम चुनावों में शेख हसीना की आवामी लीग पार्टी का मुकाबला पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया की बीएनपी से है। भारतीय मीडिया संस्थान जी मीडिया की वेबसाइट पर प्रकाशित इंटरव्यू में प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बीएनपी पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से रिश्वत लेकर देश के लोकतांत्रिक ढांचे को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है। खालिदा जिया अभी जेल में हैं। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप हैं।
 
 
प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा, "हम सिर्फ पाकिस्तान या फिर आईएसआई की निंदा क्यों करें? अगर निंदा ही करनी है तो बीएनपी की निंदा करिए। बीएनपी पाकिस्तान से रिश्वत ले रही है, देश के लोकतांत्रिक ढांचे को बर्बाद करने के लिए।"
 
 
रविवार को होने वाले आम चुनावों में 300 संसदीय क्षेत्रों में वोट डाले जाएंगे। कुल 1,800 उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं और आजकल चुनाव प्रचार का आखिरी और सघन अभियान चल रहा है।
 
 
बीएनपी इन चुनावों में जातीय ओक्या फ्रंट नाम के गठबंधन का हिस्सा बन कर उतरी है, जिसका नेतृत्व पूर्व विदेश मंत्री कमाल हुसैन कर रहे हैं। भ्रष्टाचार के दो मामलों में दोषी साबित होने की वजह से बेगम खालिया जिया चुनाव नहीं लड़ सकतीं।
 
 
विपक्षी गठबंधन में जमात ए इस्लामी भी शामिल है जिसने 1971 में पाकिस्तान से बांग्लादेश की आजादी का विरोध किया था। पार्टी के कई बड़े नेताओं को युद्ध अपराधों के लिए मौत की सजा दी जा चुकी है। उन पर नौ महीनों तक चले मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तानी फौजियों की मदद करने और बांग्लादेशियों पर हुए अत्याचारों में साथ देने के आरोप थे।
 
 
प्रधानमंत्री हसीना का कहना है कि 1971 के दौरान बीएनपी नेताओं पर भी युद्ध अपराधों के आरोप लगे और इसीलिए बांग्लादेश एक बार फिर बीएनपी को नकार देगा। बीएनपी ने 2014 में हुए पिछले आम चुनाव का बहिष्कार किया था। कई राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि पार्टी के इस कदम से उसे बहुत नुकसान हुआ।
 
 
फिलहाल, चुनाव सर्वेक्षणों में प्रधानमंत्री शेख हसीना की जीत की भविष्यवाणियां की जा रही हैं।
 
 
एके/एनआर (डीपीए)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

खामोशी से जान लेता है 'साइलेंट' हार्ट अटैक