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क्या चंद्रमा पर बियर बनाई जा सकती है?

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यह कोई बेवकूफी भरा नहीं, बल्कि लाख टके का सवाल है। अगर चंद्रमा पर बियर नहीं बनी, तो शायद वहां इंसानी बस्ती भी नहीं बस सकेगी।
रूस 2031 तक अपने अंतरिक्षविज्ञानियों को चंद्रमा पर उतारना चाहता है। वहीं अमेरिकी अतंरिक्ष एजेंसी नासा को उम्मीद है कि वह 2022 तक चंद्रमा पर इंसानी बस्ती बसा सकती है। अनुमान के मुताबिक इस पर 10 अरब डॉलर का खर्च आएगा।
 
लेकिन इस तैयारी के बीच एक अहम सवाल बना हुआ है। क्या चंद्रमा पर बियर बनाई जा सकती है? अब कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के छात्रों का एक ग्रुप इस पर प्रयोग करना चाहता है। एक्सपेरिमेंट में भारतीय स्टार्ट अप कंपनी टीमइंडस भी शामिल है। टीमइंडस के अंतरिक्षयान के जरिये एक टीम को 28 दिसंबर को चांद पर अपना प्रयोग करने के लिए भेजा जाएगा। प्रोजेक्ट को गूगल के लुनार एक्सप्राइज प्रतियोगिता के तहत फंड किया जा रहा है।
 
प्रोजेक्ट में शामिल निकी अशारी कहती हैं कि बियर बनाने का आइडिया "दोस्तों के साथ हंसी मजाक में निकला। हममें से कुछ के पास घर पर बियर बनाने का किट भी है। जब हमें पता चला कि भारत के अंतरिक्षयान में प्रयोग करने का मौका है, तो हमने तय किया कि हम अपने शौक और प्रतियोगिता को मिला सकते हैं और बाहरी अंतरिक्ष में खमीर के व्यवहार का अध्ययन कर सकते हैं।"
 
चंद्रमा पर खमीर के व्यवहार का पता चलने से वहां इंसान के लिए खाना जुटाने का काम आसान होगा। फिलहाल हम जो खाना खाते हैं उसमें से ज्यादातर हमें फंगस, खमीर और बैक्टीरिया की वजह से ही मिलता है। दही, ब्रेड, चीज और मक्खन के साथ साथ दवाएं भी फर्मेंटेशन से मिलती हैं। बैक्टीरिया की वजह से कई सब्जियां और फल भी मिलते हैं। अगर चंद्रमा पर खमीरीकरण (फर्मेंटेशन) नहीं हुआ तो इंसान के लिए आसानी से मिलने वाला भोजन जुटाना भी मुश्किल होगा।
 
एक्सपेरिमेंट की तैयारी कर रहे छात्र चंद्रमा पर जौ का पानी भेजेंगे। उसे बियर में तब्दील करने वाली चीज चंद्रमा में ही मिलायी जाएंगी। फिर देखा जाएगा कि खमीरीकरण होता है या नहीं। टीम के सदस्य श्रीवत्स कल्याण कहते हैं, पृथ्वी पर खमीरीकरण में "गुरुत्व बल भी भूमिका निभाता है। हमारा कैनिस्टर फर्मेंटर्स की तरह ही बनाया गया है। इसमें तीन कंपार्टमेंट हैं। सबसे ऊपर अनफर्मेंटेड बियर होगी। दूसरे में खमीर। जब यह कैनिस्टर चंद्रमा पर पहुंचेगा तो पहले कंपार्टमेंट का वाल्व खुलेगा और कच्ची बियर खमीर में मिक्स होगी। इसके बाद दूसरा वाल्व खुलेगा और खमीर नीचे बैठेगी, जो तैयार बियर से अलग होगी।"
 
इस दिलचस्प प्रयोग के मॉडल के साथ छात्रों की टीम मार्च में बेंगलुरू जाएगी। अच्छे आइडिया वाले विजेता का चुनाव वहीं होगा। टीम को उम्मीद है कि बियर और खमीर वाला उनका एक्सपेंरिमेंट चांद पर जरूर भेजा जाएगा।
 
रिपोर्ट:- ओंकार सिंह जनौटी

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