विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' एक तरफ तो आगे की रणनीति बनाने में जुटा है, लेकिन कई पहलुओं पर पार्टियों में मतभेद सामने आ रहे हैं। सीपीएम का पश्चिम बंगाल और केरल में सीटों के बंटवारे से इनकार गठबंधन के लिए चिंता का विषय है।
दिल्ली में सीपीएम के पोलिटब्यूरो की हाल ही में हुई एक बैठक के बाद पार्टी की तरफ से जो बयान जारी किया गया उसमें लिखा गया है कि 'इंडिया' गठबंधन में "सभी सदस्य दलों के नेता सभी फैसले लेंगे, लेकिन ऐसा कोई संगठनात्मक ढांचा नहीं बनाना चाहिए जो ऐसे फैसलों के रास्ते में अवरोधक बनेगा।"
माना जा रहा है कि इस बयान के जरिये पार्टी ने संकेत दिया है कि वो 'इंडिया' की समन्वय समिति का हिस्सा नहीं बनेगी। मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि पार्टी के नेताओं ने पोलिटब्यूरो की बैठक में कहा कि पश्चिम बंगाल और केरल जैसे राज्यों में दूसरी विपक्षी पार्टियों के साथ समझौता नहीं किया जाता है।
राज्य स्तर पर समस्या
पश्चिम बंगाल में पार्टी के नेताओं का कहना है कि वहां पार्टी कांग्रेस से तो हाथ मिला सकती है लेकिन तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ ही लड़ेगी। इसी तरह केरल में पार्टी के नेताओं का कहना है कि वहां पार्टी कांग्रेस के खिलाफ लड़ेगी।
इससे पहले एक सितंबर को 'इंडिया' ने एक समन्वय समिति बनाने की घोषणा की थी, जिसमें अलग-अलग पार्टियों से 14 सदस्यों को शामिल किया जाएगा। उस दिन सिर्फ 13 सदस्यों के नामों की घोषणा की गई थी।
इनमें कांग्रेस, एनसीपी, डीएमके, शिवसेना (उद्धव), आम आदमी पार्टी, आरजेडी, तृणमूल कांग्रेस, सीपीआई, जेएमएम, एनसी, पीडीपी, जेडीयू, एसपी के नेताओं को शामिल किया गया था। माना जा रहा था कि एक स्थान सीपीएम के लिए ही रिक्त रखा गया था, ताकि पार्टी अपने पोलिटब्यूरो की बैठक की बाद समन्वय समिति में अपने प्रतिनिधि का नाम दे सके।
कई मुद्दों पर भी मतभेद
राज्य स्तर पर गठबंधन की सदस्य पार्टियां किस तरह की रणनीति बनाएंगी यह शुरू से गठबंधन के सामने बड़ा सवाल रहा है। सीपीएम के अलावा कांग्रेस के अंदर भी आम आदमी पार्टी के साथ दिल्ली, पंजाब समेत कई राज्यों में समन्वय पर शंका है।
इसके अलावा कुछ मुद्दों पर भी गठबंधन के सदस्यों के बीच मतभेद सामने आये हैं। 'सनातन धर्म' पर डीएमके के अध्यक्ष स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणी की गठबंधन के कई सदस्यों ने निंदा की थी।
और 14 टीवी एंकरों के बहिष्कार करने के फैसले को लेकर भी गठबंधन में असहमति देखी गई। बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने इस फैसले से असहमति जताते हुए बयान दिया था कि वो मीडिया की स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं।
इन सभी घटनाओं से ऐसा संकेत जा रहा है कि गठबंधन की पार्टियां मुद्दों और सीटों के बंटवारे पर सामंजस्य बैठाने में चुनौतियों का सामना कर रही हैं। आने वाले दिनों में देखना होगा कि 'इंडिया' इन चुनौतियों का सामना कैसे करता है।