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भारत के समुद्री क्षेत्र में ड्रग्स की बाढ़

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, रविवार, 1 दिसंबर 2024 (08:20 IST)
आदर्श शर्मा
ड्रग्स की 70 फीसदी तस्करी समुद्री मार्ग से होने का अनुमान लगाया जाता है। लंबी समुद्री सीमा होने के चलते भारत भी इससे काफी प्रभावित होता है। इस साल भारतीय एजेंसियों ने समुद्र में ड्रग्स की कई बड़ी खेप पकड़ी हैं।
 
भारत के समुद्री क्षेत्र में इस साल रिकॉर्ड मात्रा में ड्रग्स पकड़े गए हैं। साल के पांच बड़े अभियानों में करीब 9600 किलोग्राम ड्रग्स जब्त किए गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा मात्रा चरस और मेथामफेटामाइन ड्रग की है। इन अभियानों को इंडियन कोस्ट गार्ड और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) समेत कई एजेंसियों ने मिलकर अंजाम दिया है।
 
साल 2024 में भारत के समुद्री क्षेत्र से जितनी मात्रा में नशीली दवाएं पकड़ी गई हैं, उतनी पिछले पांच सालों में कुल मिलाकर नहीं पकड़ी गई थीं। पिछले साल दिसंबर में केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने राज्यसभा में इससे जुड़े आंकड़े पेश किए थे। उनके मुताबिक, साल 2019 से 2023 तक पांच सालों में समुद्र में करीब 7500 किलोग्राम ड्रग्स जब्त किए गए थे। वहीं, इस साल 11 महीनों में ही समुद्र में करीब 9600 किलोग्राम ड्रग्स पकड़े जा चुके हैं।
 
इंडियन कोस्ट गार्ड को मिली सबसे बड़ी सफलता
इस हफ्ते इंडियन कोस्ट गार्ड को समुद्र में ड्रग पकड़ने के मामले में सबसे बड़ी सफलता मिली है। इंडियन कोस्ट गार्ड भारत के समुद्र तटों की रक्षा करती है। कोस्ट गार्ड ने अंडमान सागर में एक नाव से लगभग 5500 किलोग्राम मेथामफेटामाइन ड्रग बरामद किया है। यह ड्रग म्यांमार की एक मछली पकड़ने वाली नाव से मिली है। इसके साथ म्यांमार के छह नागरिकों को भी गिरफ्तार किया गया है।
 
अंडमान और निकोबार के पुलिस महानिदेशक हरगोबिंदर सिंह धालीवाल ने मीडिया से कहा कि जब्त किए गए ड्रग्स की अनुमानित कीमत लगभग 36 हजार करोड़ रुपए है। उन्होंने यह भी बताया कि ड्रग्स की यह खेप अंडमान नहीं आ रही थी और आरोपियों की पुलिस कस्टडी मिलने के बाद ज्यादा जानकारी साझा की जाएगी।
 
सफल रहा एनसीबी का सागर मंथन
15 नवंबर को गुजरात में एक नाव से 700 किलोग्राम मेथामफेटामाइन पकड़ा गया था। नाव पर मौजूद आठ विदेशी नागरिकों को भी गिरफ्तार किया गया था। एनसीबी, भारतीय नौसेना और गुजरात पुलिस ने संयुक्त रूप से यह अभियान चलाया था। एनसीबी ने इस कार्रवाई के जरिए एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी गिरोह को ध्वस्त करने का भी दावा किया था। इस अभियान को सागर मंथन-4 नाम दिया गया था।
 
पीआईबी की एक खबर के मुताबिक, एनसीबी ने इस साल की शुरुआत में सागर मंथन अभियान की शुरुआत की थी। इसके लिए एक टीम बनाई गई थी, जिसमें एनसीबी के साथ-साथ भारतीय नौसेना, इंडियन कोस्ट गार्ड और गुजरात पुलिस एटीएस के अधिकारी शामिल थे। इसका उद्देश्य अवैध ड्रग्स की समुद्री तस्करी से राष्ट्रीय सुरक्षा पर पैदा होने वाले खतरे का मुकाबला करना था।
 
पहले तीन सागर मंथन अभियानों में 3,400 किलो ड्रग्स जब्त किए गए थे। इसके साथ ही 11 ईरानी और 14 पाकिस्तानी नागरिक भी गिरफ्तार किए गए थे, जो अभी भी भारतीय जेलों में बंद हैं। सबसे बड़ी कामयाबी पहले सागर मंथन अभियान में मिली थी। जिसमें एक नाव से करीब 3100 किलोग्राम चरस बरामद हुआ था। यह कुछ दिनों पहले तक समुद्र में की गई सबसे बड़ी ड्रग जब्ती थी।
 
ड्रग तस्करी के लिहाज से संवेदनशील है भारत
एनसीबी की साल 2022 की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में ड्रग तस्करी की समस्या की एक बड़ी वजह इसकी भौगोलिक स्थिति है। रिपोर्ट के मुताबिक, कई अफीम उत्पादक देश भारत के आसपास हैं, जैसे पश्चिम में अफगानिस्तान, पाकिस्तान और ईरान, वहीं पूर्व में म्यांमार, लाओस और थाईलैंड। इसके अलावा भारत की लंबी समुद्री सीमा भी है। इसके चलते अफीम और सिंथेटिक ड्रग्स के लिए भारत एक अच्छा ठिकाना और परिवहन मार्ग दोनों बन गया है।
 
इसी रिपोर्ट में दिए गए एक अनुमान के मुताबिक, 70 फीसदी ड्रग तस्करी समुद्री मार्ग के जरिए होती है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत के पश्चिमी क्षेत्र में ड्रग तस्करी पकड़े जाने की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी गई है। जब्त किए गए ज्यादातर ड्रग्स ईरान या अफगानिस्तान के बंदरगाहों से आते हैं। इनकी मंजिल भारत के तटीय राज्य होते हैं या इन्हें यहां से गुजरकर मालदीव्स या श्रीलंका जाना होता है। समुद्री मार्ग के जरिए सबसे ज्यादा हेरोइन और मेथामफेटामाइन ड्रग की तस्करी की जाती है।
 
पाकिस्तान और बांग्लादेश सीमा पर क्या है स्थिति
भारत के तीन राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश की सीमा पाकिस्तान से लगती है। ये राज्य राजस्थान, पंजाब और गुजरात हैं, वहीं केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर है। पाकिस्तान से भारत में सबसे ज्यादा तस्करी होने वाला ड्रग हेरोइन है। एनसीबी की साल 2023 की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 से 2023 तक पांच सालों में पाकिस्तान से आई लगभग 2,600 किलोग्राम हेरोइन जब्त की गई।
 
रिपोर्ट में बताया गया है कि हालिया समय में ड्रोन के जरिए हेरोइन की तस्करी एक नई चुनौती बनकर उभरी है। ऐसे मामले जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और पंजाब सीमा पर सामने आए हैं। हालांकि, ड्रोन से होने वाली तस्करी के लिहाज से अमृतसर सेक्टर सबसे ज्यादा संवेदनशील है।
 
भारत के पांच राज्यों- असम, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल की सीमा बांग्लादेश से लगती है। हर साल तस्करी के जरिए हजारों किलो गांजा बांग्लादेश से भारत आता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अगस्त, 2023 में इससे जुड़े आंकड़े राज्यसभा में पेश किए थे। उन आंकड़ों के मुताबिक, सबसे ज्यादा गांजा त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल से लगी बांग्लादेश सीमा पर पकड़ा जाता है।
 
उदाहरण के लिए, 2023 के शुरुआती छह महीनों में बांग्लादेश सीमा पर करीब 15,200 किलोग्राम गांजा पकड़ा गया। इसमें से 74 फीसदी जब्ती त्रिपुरा सीमा पर और 24 फीसदी जब्ती पश्चिम बंगाल से सटी सीमा पर हुई। बाकी तीन राज्यों का योगदान दो फीसदी से भी कम रहा।
 
ड्रग्स की समस्या पर सरकार का रुख
अगस्त 2024 में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि ड्रग्स ना केवल देश की युवा पीढ़ी को बर्बाद करते हैं, बल्कि देश की सुरक्षा को भी कमजोर करते हैं। उन्होंने कहा कि अवैध ड्रग्स से कमाया गया पैसा आतंकवाद और नक्सलवाद को बढ़ावा देता है और देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर करता है। उन्होंने आगे कहा कि ड्रग्स के नेटवर्क को पूरी तरह से ध्वस्त किया जाना चाहिए।
 
शाह ने ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई के चार अहम सूत्र भी गिनाए। "पहला- ड्रग्स का पता लगाना, दूसरा- नेटवर्क को ध्वस्त करना, तीसरा- अपराधी को हिरासत में लेना और चौथा ड्रग लेने वाले व्यक्ति का पुनर्वास।” उन्होंने कहा कि ड्रग लेने वाला व्यक्ति पीड़ित होता है, वहीं उसका व्यापार करने वाला व्यक्ति अपराधी।
 
नशे की लत छुड़वाने के लिए एक मुफ्त हेल्पलाइन 14446 भी संचालित की जाती है। यह हेल्पलाइन मदद चाहने वाले लोगों को प्राथमिक परामर्श और तत्काल सहायता उपलब्ध कराती है। सूचना देने वाले नागरिकों की पहचान गुप्त रखी जाती है। अब तक एनसीबी को 40 हजार से ज्यादा टिप मिल चुकी हैं।

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