पंजाब के खेतों से उठते धुएं ने आसमान को धुंधला कर दिया है। कई हजार एकड़ में फैले खेतों में पराली जल रही है और आसपास के इलाकों पर धुएं की चादर बिछती जा रही है। किसान कहते हैं पराली को जलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं।
राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में स्मॉग हर साल सर्दी में आने वाली ऐसी आपदा है, जिसका कोई हल नहीं निकल सका है। धुंध, धुएं और धूल से मिल कर ठंडी हवा भारी हो जाती है और आसमान पर स्मॉग छा जाता है। निर्माण के कारण उड़ने वाली धूल, गाड़ियों से निकला धुआं और खेतों में पराली जलने से उठा धुआं इस स्मॉग की चादर को बुनते हैं।
खेतों से फसल काट लेने के बाद पौधों के बाकी बचे हिस्से को जलाना, इस समय पंजाब और हरियाणा के साथ ही दूसरे कई राज्यों में भी आम नजारा है। खेतों को साफ करने और अगली फसल के लिए तैयार करने की खातिर किसान आमतौर पर यही उपाय आजमाते हैं। गर्मियों में बोई फसलों को काटने का समय अक्टूबर में होता है। इसके तुरंत बाद किसान खेत साफ करते हैं, ताकि अगले कुछ हफ्तों में सर्दियों की फसल बोई जा सके।
पराली की समस्या
पंजाब और हरियाणा भारत के अनाजों का गोदाम भरते हैं। इन किसानों का कहना है कि उनके पास पराली को जलाने के अलावा और कोई उपाय नहीं है। पंजाब के प्रमुख किसान संघ के महासचिव परमजीत सिंह कहते हैं, "पराली से छुटकारा पाने के लिए इसे जलाने के अलावा और कोई उपाय करने में बहुत पैसा खर्च होता है।"
परमजीत सिंह पंजाब के फतेहगढ़ साहिब जिले के खमेनोन गांव के रहने वाले हैं। यह जगह दिल्ली से करीब 280 किलोमीटर दूर है। सिंह का कहना है कि दिल्ली से ज्यादा नुकसान पंजाब के लोगों को हो रहा है। आस-पास के खेतों में जलती पराली के बीच खड़े 45 साल के सिंह ने कहा, "यह दिल्ली बहुत बाद में पहुंचेगा, लेकिन पहले तो यहां खेत में खड़े किसान का नुकसान करेगा जो इसे जला रहा है। वह मजबूर है, वह इसे शौक से नहीं जला रहा।"
पराली से छुटकारा देने वाली मशीन
पंजाब और दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने पराली जलाने से रोकने में नाकामी की जिम्मेदारी ली है। पार्टी ने पिछले हफ्ते कहा कि अगले साल नवंबर तक वह इस समस्या का समाधान निकाल लेगी। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पत्रकारों से कहा, "हमने किसानों को 120,000 मशीनें बांटी हैं, जो फसलों के बाद बचे हिस्से को बिना जलाए खत्म करने में मदद करेंगे।"
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पंजाब कृषि विश्वविद्यालय ने एक मोबाइल ऐप बनाया है, जिसकी मदद से इन मशीनों की लोकेशन के बारे में पता चल सकेगा। सरकार पराली के निपटारे के लिए एक बायो एनर्जी प्लांट के प्रस्ताव पर भी विचार कर रही है।
आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार से भी अनुरोध किया है कि वह उत्तर भारतीय राज्यों की सरकारों के बीच एक बैठक कराए, ताकि प्रदूषण की समस्या और उसके समाधान के उपायों पर संयुक्त रूप से काम किया जा सके।