मध्य प्रदेश में विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों की रैली पर पुलिस की गोलीबारी में पांच किसानों की मौत हो गयी। राज्य और केंद्र की बीजेपी सरकारें कहती हैं कि विपक्ष किसानों पर राजनीति कर रहा है।
बुधवार को भी मध्य प्रदेश के मंदसौर समेत कई जिलों में हाईवे को रोक कर किसानों ने बड़ा विरोध प्रदर्शन किया। एक दिन पहले ही प्रदर्शनकारी किसानों की रैली पर पुलिस ने गोलियां चलायी थीं, जिसमें पांच किसान मारे गये। बीते कई हफ्तों से किसान अपनी उपज के लिए बेहतर कीमतें तय करने और राज्य सरकार से अपने कर्जों को माफ करवाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं।
तीन साल तक लगातार सूखा पड़ने के कारण किसानों ने खेती का काम जारी रखने के लिए भारी कर्ज लिया था। इससे वे और गरीब हो गये और राज्य के सैकड़ों किसानों ने कर्ज के बोझ से दब कर आत्महत्या कर ली। मध्य प्रदेश सरकार का कहना है कि मंदसौर में रैली निकाल रहे किसानों पर उसने गोलीबारी के आदेश नहीं दिये थे। जिला अधिकारी एसके सिंह ने बताया है कि इस घटना की जांच के आदेश आ गये हैं, क्योंकि पुलिस पहले ही प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने की बात से इनकार कर रही है।
इसके अलावा महाराष्ट्र और तमिलनाडु में भी किसान सड़कों पर हैं। एक हफ्ते पहले ही महाराष्ट्र सरकार ने किसानों की कर्जमाफी से जुड़ी एक मांग को स्वीकार कर लिया था। तीन साल पहले केंद्र की सत्ता संभालने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों की उपज के लिए बेहतर समर्थन मूल्य देने और कर्जों से मुक्ति दिलाने का वादा किया था। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में भी बीजेपी की ही सरकारें हैं।
बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा है कि विपक्षी कांग्रेस पार्टी किसानों की समस्याओं पर अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार किसानों की परेशानी दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है। नायडू ने सवाल किया कि अगर कांग्रेस के पास किसानों की समस्या का हल है तो कर्नाटक की कांग्रेस सरकार वहां के किसानों के लिए कुछ क्यों नहीं करती।