Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

आम किशोर से "संदिग्ध आतंकी" बनने का सफर

हमें फॉलो करें आम किशोर से
, शनिवार, 1 अक्टूबर 2016 (10:20 IST)
बेटे को अगर संदिग्ध आतंकवादी कहा जाए तो मां पर क्या गुजरती है, ये सीरिया से जर्मनी आई मलिका अच्छी तरह जानती हैं। वह बताती हैं कि उनका बेटा धीरे धीरे कैसे बदला।
जर्मन शहर कोलोन की पुलिस ने कुछ दिन पहले 16 साल के एक सीरियाई किशोर को गिरफ्तार किया। पुलिस को शक है कि किशोर इस्लामिक स्टेट से जुड़ा है। 21 सितंबर को पुलिस ने बकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बयान जारी किया, "मोहम्मद नामके एक सीरियाई शरणार्थी को गिरफ्तार किया गया है जो धमाका करने की योजना बना रहा था।" अभियोजन पक्ष के मुताबिक जांच के दौरान यह पता चला कि किशोर बहुत ही कम समय में कट्टरपंथ की तरफ मुड़ गया। उसके मोबाइल फोन की जांच से कई बातें पता चलीं।
 
डॉयचे वेले की अरबी सेवा ने संदिग्ध की मां मलिका एम से बातचीत की। मलिका के मुताबिक उनका बेटा "कई मनोवैज्ञानिक परेशानियों से जूझ रहा है और वो इसके लिए जिम्मेदार नहीं है।" परिवार सीरिया से जर्मनी आ तो गया लेकिन ये बदलाव आसान नहीं रहा। शरणार्थी शिविरों में भारी भीड़ से भी सामना हुआ। परिस्थितियां ऐसी बनीं कि परेशान बेटा और परेशान होता गया। गिरफ्तारी से पहले मोहम्मद से मां से कहा कि वह उसे मनोचिकित्सक के पास ले जाए। तारीख भी तय हुई लेकिन हिरासत के डर से मोहम्मद आखिरकार वहां नहीं गया।
 
मलिका के मुताबिक पहले मोहम्मद "औसत मध्यमार्गी" विचारधारा का था। वह कहती हैं कि "हमारा परिवार सभी धर्मों के प्रति खुले नजरिये और सम्मान करने वाला है।" लेकिन सीरिया के युद्ध और वहां फैली हिंसा ने उनके बेटे को उस माहौल से बाहर कर दिया। लेकिन इसके बावजूद जर्मनी जाने की खबर से मोहम्मद बेहद खुश हुआ। 
 
लेकिन जर्मनी पहुंचने के कुछ समय बाद मोहम्मद का व्यवहार बदलने लगा। मलिका कहती हैं, दिक्कत तब शुरू हुई जब "वह आए दिन एक मस्जिद में जाने लगा और वहां काफी लंबा समय बिताने लगा।" लंदन से छपने वाले अरबी अखबार अल-शर्क अल-अवसात की रिपोर्ट के मुताबिक तुर्क मस्जिद में भी लोगों को मोहम्मद के व्यवहार पर हैरानी हुई। वह मक्का के बजाए दूसरी दिशा में नमाज अदा करने लगा। उसे इसके लिए चेतावनी भी दी गई। वह इस्लामिक स्टेट की तर्ज पर नमाज पढ़ रहा था।
 
मलिका के मुताबिक उनके पति और मोहम्मद के पिता ने बेटे को मस्जिद में बहुत ज्यादा वक्त बिताने से रोकने की कोशिश भी की, "मेरे पति गए और उन्होंने लंबा समय बिताने के कारण खोजने की कोशिश की।" लेकिन इसी दौरान मोहम्मद तोहफे भी लाने लगा, पिता ने जब उससे पूछा कि ये गिफ्ट किसने दिये, तो उसने जवाब दिया कि मस्जिद में मिले। अगले दिन पिता मस्जिद गए और तोहफे देने वालों से सवाल किये। मलिका कहती हैं, इससे पता चलता है कि हमारा परिवार मोहम्मद के व्यवहार लिए जिम्मेदार नहीं है।

मां को उम्मीद है कि एक दिन उसका बेटा छूट जाएगा। वह कहती हैं, "पुलिस को ऐसा कुछ नहीं मिला जिससे वह अपराधी साबित हो। उन्हें एक छोटा गैस पाइप मिला जिसका इस्तेमाल खाना पकाने के लिए होता है और एक छोटी टॉर्च।
 
लेकिन कोलोन क्राइम पुलिस के प्रमुख क्लाउस-श्टेफान बेकर के मुताबिक मामला ज्यादा गंभीर है। पुलिस का दावा है कि मोहम्मद ने ऑनलाइन चैट के दौरान हमले करने की "बहुत स्पष्ट तौर से इच्छा" जताई। पुलिस अधिकारी ने यह भी कहा कि किशोर जर्मनी से बाहर बैठे किसी शख्स के साथ ऑनलाइन चैट कर रहा था। चैट करने वाला मोहम्मद को बहुत ही खास निर्देश देकर बता रहा था कि बम कैसे बनाया जाता है।

बेकर ने कहा, "इस किशोर का मोबाइल फोन चेक करने से पता चला कि वह विदेश में बैठे ऐसे व्यक्ति के संपर्क में था जो आईएस से जुड़ा है।" हालांकि पुलिस यह भी मान रही है कि बम बनाने के लिए जरूरी कच्चे माल के ठोस सबूत अभी नहीं मिले हैं।
 
- नुल अला जुमा/ओएसजे 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

आतंक के खिलाफ कार्रवाई का देश को सैल्यूट