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विमानों में बम की धमकियों पर सोशल मीडिया कंपनियों को चेतावनी

हमें फॉलो करें विमानों में बम की धमकियों पर सोशल मीडिया कंपनियों को चेतावनी

DW

, मंगलवार, 29 अक्टूबर 2024 (07:48 IST)
अभिव्यक्ति की आजादी पर खतरे को लेकर विवाद में रहने वाले भारत ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को चेतावनी दी है कि अगर वे गलत जानकारी नहीं हटाते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस महीने सैकड़ों फर्जी बम धमकी वाले संदेश भारतीय विमान कंपनियों को मिले, जिससे यात्राओं में अफरातफरी मच गई और डर का माहौल बना। सरकार ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया है।
 
कई धमकियों के बाद विमानों को कनाडा और जर्मनी की ओर मोड़ा गया। ब्रिटेन और सिंगापुर के आसमान में लड़ाकू विमानों को सुरक्षा के लिए तैनात करना पड़ा। सरकार ने इन धमकियों के प्रसार को "खतरनाक रूप से बेकाबू" बताया।
 
सरकार ने कहा कि अगर सोशल मीडिया कंपनियां गलत जानकारी को तुरंत नहीं हटातीं, तो उनके खिलाफ "कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई" की जाएगी। शनिवार को जारी एक बयान में कहा गया, "इन फर्जी बम धमकियों से न केवल बड़ी संख्या में नागरिक प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि देश की आर्थिक सुरक्षा भी खतरे में पड़ रही है।"
 
बम धमकियों की संख्या और प्रभाव
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, अक्टूबर के मध्य से अब तक कम से कम 275 बम धमकियों की रिपोर्ट की गई है और ये सभी झूठी पाई गईं। कुछ भारतीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक यह संख्या 400 तक हो सकती है।
 
सरकार ने यह भी कहा कि अगर सोशल मीडिया प्लेटफार्म अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं करते हैं, तो उन्हें कानूनी संरक्षण नहीं मिलेगा। इन धमकियों में से कई सोशल मीडिया साइट "एक्स" (पहले ट्विटर) पर पोस्ट किए गए संदेशों के जरिए आईं, और हर फ्लाइट की जांच करनी पड़ी।
 
हालांकि सरकार ने किसी खास सोशल मीडिया कंपनी का नाम नहीं लिया, लेकिन सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय की सलाह का हवाला दिया। इसमें कहा गया कि फर्जी बम धमकियों के फैलने का कारण "फॉरवर्डिंग/री-शेयरिंग/री-पोस्टिंग/री-ट्वीटिंग" जैसी सुविधाओं का उपलब्ध होना है।
 
सरकार ने कहा कि कंपनियों को किसी भी ऐसी गतिविधि की सूचना देनी चाहिए जो देश की एकता, अखंडता, संप्रभुता, सुरक्षा या आर्थिक सुरक्षा को खतरे में डाल सकती हो, और जांच में सहयोग करना चाहिए।
 
अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई
नागरिक उड्डयन मंत्री के। राममोहन ने कहा कि सरकार ऐसे अपराधियों को "नो-फ्लाई लिस्ट" में डालने और 1982 के नागरिक उड्डयन अधिनियम में संशोधन करने की योजना बना रही है, जिससे इन्हें बिना कोर्ट आदेश के गिरफ्तार किया जा सकेगा।
 
इंडिगो एयरलाइन ने बताया कि उसकी कई उड़ानें, विशेषकर सऊदी अरब और तुर्की की उड़ानें, फर्जी बम धमकियों का शिकार हुई हैं और उन्हें नजदीकी हवाई अड्डों पर जांच के लिए मोड़ा गया।
 
बीते सोमवार एक ही रात में 30 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को, जिनमें इंडिगो, विस्तारा और एयर इंडिया की उड़ानें शामिल थीं, बम धमकियों का सामना करना पड़ा। नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन ने कहा कि भले ही ये धमकियां फर्जी हों, इन्हें हल्के में नहीं लिया जा सकता।
 
अभी तक फर्जी बम धमकी देने वालों में से ज्यादातर को पकड़ा नहीं जा सका है। मुंबई पुलिस ने बुधवार को छत्तीसगढ़ के एक 17 वर्षीय युवक को हिरासत में लिया था। पुलिस अधिकारी मनीष कालवानिया ने बताया कि लड़के का मकसद एक व्यक्ति को फंसाना था, जिसके साथ उसका व्यापारिक विवाद चल रहा था।
 
नए कानून पर विचार
सोमवार को सरकार ने कहा कि वह विमानन और सुरक्षा से जुड़े कानूनों में बदलाव के लिए "विधायी कार्रवाई" यानी कानूनों में बदलाव पर चर्चा कर रही है। इसके तहत, जो लोग ऐसी धमकियां देते हैं, उन्हें गंभीर अपराधों के तहत सजा दी जाएगी, और यह अपराध "संज्ञेय" की श्रेणी में आएगा, जिसमें लंबी सजा का प्रावधान होगा। संज्ञेय अपराध ऐसे होते हैं जिनमें पुलिस बिना वॉरंट के भी किसी संदिग्ध को गिरफ्तार कर सकती है।
 
सोशल मीडिया कंपनियों को लेकर भारत सरकार का रवैया खासा सख्त रहा है और सरकार एक नए कानून की तैयारी कर रही है, जिसके जरिए सोशल मीडिया और डिजिटल सामग्री पर नियंत्रण किया जा सकेगा। भारत, दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और सोशल मीडिया से सामग्री हटाने के लिए सरकार द्वारा किए गए अनुरोधों में अक्सर सबसे ऊपर के पांच देशों में शामिल होता है।
 
पिछले साल, जब एक्स ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के खिलाफ किए गए ट्वीट्स और अकाउंट्स को हटाने के आदेश को चुनौती दी तो एक भारतीय अदालत ने उस पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।
वीके/सीके (रॉयटर्स, एएफपी)
 

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