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पत्नी पाने के लिए जापानी कुंवारे करते हैं ऐसे जतन

हमें फॉलो करें पत्नी पाने के लिए जापानी कुंवारे करते हैं ऐसे जतन
, मंगलवार, 21 मार्च 2017 (15:30 IST)
शादी करना तो हर किसी के लिए बड़ा फैसला होता है, लेकिन कहीं कहीं तो ये बहुत मुश्किल भी होता है। जापान के अविवाहित लड़के शादी के लायक बनने के लिए सीखते हैं कुछ खास कौशल भी। जानिए इस अनोखी परंपरा 'इकुमेन' के बारे में।
शादी की संभावना बढ़े : इसके लिए जापान में युवा अविवाहित लड़के व्यक्तित्व के बाकी गुणों के अलावा कुछ खास गुण भी विकसित कर रहे हैं। इसे 'इकुमेन' कहा जाता है और इसके बाकायदा कोर्स कराए जाते हैं।
 
बच्चे पालने की कला : ऐसे युवाओं की शादी की संभावना बढ़ जाती है जिन्हें बच्चे पालने का सलीका आाता हो। जापान में केवल पुरुषों के लिए चलने वाले 'इकुमेन' कोर्स में शिक्षक उन्हें बच्चों को नहलाने, कपड़े बदलने से लेकर महिलाओं की मनोस्थिति और उनका नजरिया समझने की ट्रेनिंग भी देते हैं।
 
गर्भ का बोझ : जापान के ओसाका स्थित "इकुमेन यूनिवर्सिटी" नाम की कंपनी ने इसकी शुरुआत की है। कोर्स करने वाले पुरुषों को शरीर पर करीब सात किलो भारी प्रेगनेंसी जैकेट बांध कर अभ्यास कराया गया जिससे उन्हें उस बोझ का अंदाजा लगे जो गर्भवती महिलाएं ढोती हैं।
 
महिलाओं की पसंद : शारीरिक बोझ के अलावा होने वाली मानसिक परेशानियों से जूझने के गुर भी सिखाए जाते हैं। जैसे कि संभावित पार्टनर से अच्छा संवाद स्थापित करना और उनकी पसंद नापसंद को समझने का तरीका इत्यादि।
 
सर्टिफाइड दूल्हा : पुरुषों से उन गुणों की एक लंबी सूची भरवाई जाती है जिन्हें आम तौर पर महिलाएं नापसंद करती हैं और उन्हें दूर कर पुरुषों को एक तरह का सर्टिफिकेट मिल जाता है कि वे शादी के लिए एक सुयोग्य उम्मीदवार हैं।
 
बाजार में मांग : शादी के विज्ञापन देने वाले अखबार, पत्रिकाओं या वेबसाइटों पर लड़कों के परिचय में इस सर्टिफिकेशन का जिक्र करने से उन्हें बाकियों के मुकाबले ज्यादा अहमियत मिलती है। यह दिखाता है कि ना केवल वे शादी और परिवार को संभालने के लायक हैं बल्कि बच्चे संभालने में भी चैंपियन हैं।
 
जापान में ही क्यों : हाल में आया एक सर्वेक्षण दिखाता है कि जापान में विवाह योग्य आयु वाले यानी 18 से 34 की उम्र के करीब 70 फीसदी पुरुष और 60 फीसदी महिलाएं अविवाहित हैं। जापान में बुजुर्ग लोगों की तादाद युवाओं और बच्चों के मुकाबले बहुत अधिक है। देश को अगली पीढ़ी की सख्त जरूरत है।

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