रिपोर्ट चारु कार्तिकेय
अप्रैल 2019 में दिवालिया हो चुके जेट एयरवेज के नए मालिकों ने कहा है कि अगले साल गर्मियों तक कंपनी के विमान दोबारा उड़ सकेंगे। इसे भारतीय विमानन क्षेत्र के लिए एक खुशखबरी के रूप में देखा जा रहा है।
कई कंपनियों का एक समूह जेट एयरवेज का नया मालिक है। समूह के प्रतिनिधियों ने सोमवार को कंपनी को फिर से शुरू करने की एक योजना की घोषणा की, जिसके तहत कंपनी को 2021 में गर्मियों तक फिर से शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। नए मालिकों के समूह का यूके की एसेट प्रबंधन कंपनी कैलरॉक कैपिटल और यूएई के व्यवसायी मुरारी लाल जालान नेतृत्व कर रहे हैं।
जेट को फिर से खड़ा करने की उनकी योजना को लेकर समूह ने कहा कि जेट 2।0 कार्यक्रम का लक्ष्य है जेट के बीते हुए गौरव को वापस लाना। जेट कभी भारत की सबसे बड़ी विमानन कंपनी थी, लेकिन पीछे कुछ सालों में धीरे धीरे घाटे में जाने लगी थी। अप्रैल 2019 में कंपनी दिवालिया घोषित हो गई और फिर अक्टूबर 2020 में इस समूह ने एक हजार करोड़ रुपए की बोली लगा कर उसे खरीद लिया।
हालांकि, कंपनी से संबंधित सभी मामले अभी भी दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया की देख रेख करने वाले ट्रिब्यूनल नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के अधीन हैं। इसलिए जेट के लिए जो योजना उसके नए मालिकों ने बनाई है वो एनसीएलटी और डीजीसीए जैसे रेगुलेटरों की अनुमति के बाद ही लागू हो पाएगी।
जेट के ऊपर करीब 21,000 लेनदारों के 44,000 करोड़ रुपए बकाया हैं। मीडिया में आई खबरों के अनुसार नए मालिकों ने शुरू में करीब 390 करोड़ रुपए और फिर पहले साल में करीब 650 करोड़ रुपए और देने की पेशकश की है। जेट के हिस्से के उड़ान के सभी स्लॉट भी दूसरी कंपनियों को दिए जा चुके हैं।
उन्हें वापस हासिल करना भी नए मालिकों के सामने एक बड़ी चुनौती होगी। महामारी के दौरान यात्राएं रुक जाने की वजह से भारत ही नहीं पूरी दुनिया में विमानन क्षेत्र सबसे प्रभावित क्षेत्रों में से रहा है। ऐसे में जेट के नए मालिकों के लिए कंपनी को नए सिरे से खड़ा करना एक चुनौती से कम नहीं होगा।