Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

आधे से अधिक भारतीय हैं आलसी

हमें फॉलो करें आधे से अधिक भारतीय हैं आलसी
, बुधवार, 6 जून 2018 (11:02 IST)
अच्छी सेहत की चाह सबको होती है, लेकिन इसके लिए जरूरी कोशिशें करने में लोगों को आलस आता है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की एक रिपोर्ट कहती है कि आधे से अधिक भारतीय सुस्ती और आलस का शिकार हैं।
 
 
लाइफस्टाइल
रिपोर्ट में कहा गया है कि शारीरिक निष्क्रियता भारत में काफी ज्यादा है। टाइम्स ऑफ इंडिया ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए लिखा है कि देश में करीब 54.4 फीसदी लोग स्वास्थ्य गतिविधियों को लेकर सक्रिय नहीं हैं।
 
 
पुरुष सक्रिय
रिपोर्ट कहती है कि देश के पुरुष महिलाओं के मुकाबले ज्यादा सक्रिय होते हैं। वहीं महज 10 फीसदी लोग ही मनोरंजक शारीरिक गतिविधियों के लिए समय निकाल पाते हैं। इसके अलावा लोगों काफी वक्त अपने काम और दफ्तर की भाग-दौड़ में लगाते हैं।
 
 
बढ़ता स्वास्थ्य खर्च
इसी शारीरिक सुस्ती के चलते लोगों में गंभीर बीमारियों के खतरे में इजाफा हुआ है। इसके अलावा यह सुस्ती कुल क्षमता को प्रभावित करती है। साथ ही स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च को भी बढ़ाती है।
 
 
मौत का जोखिम
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक शारीरिक निष्क्रियता, दुनिया भर में होने वाली मौतों का चौथा बड़ा कारण हैं। लगभग 6 फीसदी मौतें इसके चलते होती हैं।
 
 
दुनिया का हाल
रिपोर्ट कहती है कि दुनिया भर में हर पांच में से एक वयस्क और हर पांच में से चार किशोर, जरूरी स्वास्थ्य गतिविधियों में शामिल नहीं होते। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़े बताते हैं कि यह सुस्ती स्वास्थ्य व्यवस्था पर 54 अरब डॉलर का बोझ डालती है।
 
 
कैंसर का खतरा
रिपोर्ट में कहा गया है, स्तन और कोलन कैंसर के करीब 21-25 फीसदी मामलों में, डायबिटीज के 27 फीसदी और दिल से जुड़ी बीमारियों के 30 फीसदी मामले में शारीरिक निष्क्रियता को जिम्मेदार माना जाता है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

चाचा चौधरी और चंपक से हिन्दी सिखाकर लाखों कमाने वाली लड़की