रिपोर्ट ईशा भाटिया सानन
जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस करने के बाद लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने की घोषणा की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि जब तक दवा नहीं बन जाती, लोगों को इस वायरस के साथ जीना होगा।
उम्मीद की जा रही थी कि मर्केल स्थानीय समय अपराह्न 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस में लोगों को लॉकडाउन के फैसले के बारे में बताएंगी। यह कॉन्फ्रेंस पहले 5 और फिर 6 बजे तक टलती चली गई। हालांकि इस दौरान सूत्रों के हवाले से जानकारी सामने आने लगी थी कि कॉन्फ्रेंस के दौरान चांसलर क्या घोषणा करने वाली हैं?
जर्मनी उन देशों में से है, जहां संक्रमण का आंकड़ा बहुत ज्यादा होने के बावजूद मरने वालों की संख्या काफी कम रही है। जहां पहले हर रोज 6 से 7 हजार नए मामले सामने आ रहे थे, वहीं पिछले दिनों में यह संख्या 2 से 4 हजार के बीच ही रही है।
मर्केल ने स्थिति को समझाते हुए कहा कि हमारे पास रिस्क लेने की क्षमता नहीं है। हमें समझना होगा कि हमें तब तक इस वायरस के साथ जीना है जब तक इसके खिलाफ कोई टीका या दवा नहीं बन जाती।
मर्केल ने बताया कि मुख्य मंत्रियों के साथ चर्चा में किन-किन मुद्दों पर बात हुई। उन्होंने मास्क के इस्तेमाल पर भी जोर दिया और कहा कि हम लोगों से सार्वजनिक परिवहन और खरीदारी के दौरान मास्क के इस्तेमाल की अपील करते हैं। आने वाले दिनों में और मास्क उपलब्ध कराए जाएंगे।
जर्मनी में कुछ दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई है बशर्ते दुकान 800 वर्गमीटर से बड़ी न हो। रेस्तरां, होटल, पब इत्यादि को अगले 2 हफ्ते बंद ही रखा जाएगा। पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए मर्केल ने कहा कि रेस्तरां में लोग एक-दूसरे के संपर्क में ज्यादा आसानी से आते हैं, ऐसे में नियंत्रण करना मुश्किल हो जाएगा।
दूरी बनाकर रखने की अपील
जो लोग अब काम पर जाना शुरू करेंगे, उनसे मर्केल ने दफ्तर में कम से कम डेढ़ मीटर की दूरी बनाए रखने की अपील करते कहा कि हमें संक्रमण की पूरी चेन को पहचानना है। अगर हम ऐसा करने में सफल नहीं होते हैं तो इसके बुरे परिणाम हो सकते हैं। अगले 2 हफ्तों तक देश में सभी स्कूल और डे केयर भी बंद रहेंगे।
मर्केल ने कहा कि स्कूलों को लेकर हमने लंबी चर्चा की। हम अपने बच्चों को लेकर लोगों की चिंताओं को समझते हैं। उन्होंने बताया कि 4 मई के बाद धीरे-धीरे स्कूल खोले जाएंगे। ऐसे में अलग-अलग मॉडल मुमकिन हैं। उन्होंने इस ओर भी इशारा किया कि हो सकता है कि एक बार में पूरी क्लास को न पढ़ाया जाए ताकि बच्चे एक-दूसरे से दूरी बनाकर रख सकें। 4 मई के बाद पहले बड़ी क्लास के बच्चों के लिए स्कूल खुलेंगे।
लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में बवेरिया के मुख्यमंत्री मार्कुस जोएडर भी मौजूद थे। बवेरिया जर्मनी का वह राज्य है जिस पर कोरोना का सबसे ज्यादा असर पड़ा है। स्कूलों के बारे में बात करते हुए जोएडर ने कहा कि हम छोटे बच्चों से यह उम्मीद नहीं कर सकते कि वे मास्क पहनकर घूमें और सुरक्षा के सभी उपायों को ठीक से समझें और उनका पालन करें।
जर्मनी ने जिस तरह से कोरोना संकट को संभाला है, उसके लिए दुनियाभर में जर्मनी की तारीफ हो रही है। जोएडर ने कहा कि हमने जो रणनीति बनाई थी, वह सही थी। हमने बहुत जल्दी कदम उठाए और सही कदम उठाए। जिन देशों ने पहले अलग सोचा था, आज वे भी उसी रास्ते पर चल रहे हैं, जो जर्मनी ने अपनाया। किसी ने ऐसा देर से किया, किसी ने नुकसान हो जाने के बाद।
आने वाले दिनों के बारे में चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि अगर हम चाहें कि दवा बनने से पहले ही हमारा जीवन सामान्य हो जाए, तो यह मुमकिन नहीं है। जल्दबाजी करने की जगह धीरे-धीरे आगे बढ़ने से ही सफलता मिल सकती है। अर्थव्यवस्था के लिए भी यही सही है।
रिसर्च पर होगा और निवेश
मर्केल ने कहा कि आने वाले दिनों में रिसर्च पर और निवेश किया जाएगा ताकि पता किया जा सके कि किन दवाओं की वाकई जरूरत है? उन्होंने बताया कि कर्व फ्लैट हो चुका है। इस वक्त 1 व्यक्ति 1 और को संक्रमित कर रहा है। अगर ऐसा रहा तो हमारे मेडिकल सिस्टम पर दबाव नहीं बनेगा। लेकिन अगर यह 1 की जगह 1.1 हो जाता है तो जनवरी तक हमारे अस्पतालों पर दबाव पड़ना शुरू होगा।अगर यह 1.2 होता है तो अक्टूबर तक और अगर 1.3 तो जून में ही।
कॉन्फ्रेंस के दौरान टेस्ट करने की क्षमता को बढ़ाने की भी बात की गई। जोएडर ने कहा कि सिर्फ टेस्ट करके ही हम सही डाटा तैयार कर सकते हैं और स्थिति को काबू में ला सकते हैं।
लॉकडाउन खुलने से पहले 30 अप्रैल को मर्केल एक बार फिर मंत्रियों के साथ बैठक करेंगी जिसमें 4 मई के बाद जीवन को फिर से पटरी पर लाने की दिशा में फैसले लिए जाएंगे।