कोलकाता में राज्य सरकार की मदद से झील पर एक तैरता हुआ बाजार शुरू किया गया है। यहां नाव पर दुकाने हैं और लोगों को यह खूब पसंद आ रहा है।
झील में बाजार
कोलकाता में एक विशाल झील पर स्थापित यह देश का पहला तैरता बाजार है। इसकी खासियत है कि एक नाव पर दो दुकानें हैं और नाव एक जगह स्थिर रहती है।
बैंकॉक की तर्ज पर
पश्चिम बंगाल सरकार ने इस बाजार को बैंकाक की तर्ज पर बसा है। इसे शहरीकरण के दौरान उजाड़े गए दो सौ से ज्यादा हाकरों के पुर्नवास के लिए बसाया गया है। इसे बसाने पर नौ करोड़ की लागत आई है।
सब कुछ मिलता है
इस तैरते बाजार में हर तरह की चीजें आसानी से उपलब्ध हैं। वह चाहे फल-सब्जी हो या मछली और अंडे। यहां दूसरे बाजारों के मुकाबले कीमतें अपेक्षाकृत कम हैं।
150 नावें
केएमडीए ने इस बाजार को बसाने के लिए हुगली जिले के बालागढ़ से डेढ़ सौ नावें खरीदी हैं। हुगली नदी के किनारे बसा बालागढ़ नाव बनाने का गढ़ है।
खरीदारी के साथ सैरसपाटा
कोलकाता महानगर विकास प्राधिकरण यानी केएमडीए की देखरेख में बने इस बाजार में खरीददारों की भारी भीड़ जुट रही है। एक पंथ दो काज की तर्ज पर लोग खरीददारी भी कर रहे हैं और घूम भी रहे हैं।
गर्मागर्म चाय
बाजार में ही एक नाव पर चाय की भी दुकान है, यानी खरीदारी करते करते मन हो जाए तो एक कप चाय भी पी लीजिए
तकिया और गद्दे भी
इस बाजार में आप तकिया और रजाई गद्दे भी बनवा सकते हैं, यानी आपकी जरूरत का हर सामान यहां मौजूद है।
सुबर से लेकर देर शाम तक
कोलकाता का यह बाजार सुबह छह बजे से लेकर दोपहर एक बजे तक खुला रहता है और फिर शाम चार से लेकर रात नौ बजे तक।
नाव पर सैलून
और तो और फ्लोटिंग मार्केट में एक नाव पर सैलून भी खुल गया है यानी आप यहां बाल दाढ़ी भी बनवा सकते हैं।
बढ़ेंगे बाजार
हर नाव पर नंबर लिखा है इससी से दुकान की पहचान की जाती है। राज्य सरकार ऐसे और बाजार बनाने पर विचार कर रही है।