Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

मंगल को खंगालने की इंसानी कोशिशें

Advertiesment
हमें फॉलो करें मंगल को खंगालने की इंसानी कोशिशें
, शुक्रवार, 21 अक्टूबर 2016 (11:21 IST)
सौरमंडल में जितने ग्रह हैं उनमें इंसान के पास सबसे ज्यादा जानकारी मंगल ग्रह के बारे में है। 1960 के बाद से मुख्य रूप से अमेरिका और रूस ने 40 से ज्यादा मिशन मंगल ग्रह पर भेजे हैं। इस बीच इन प्रयासों में भारत भी शामिल है।
एक्सोमार्स : यूरोपीय-रूसी अभियान एक्सोमार्स की मदद से यूरोपीय और रूसी अंतरिक्ष एजेंसियां मंगल ग्रह पर जीवन से संकेतों की खोज करेंगी।
 
मैरिनर 4 : 1965 में अमेरिका के इस अंतरिक्षयान ने मंगल को सबसे करीब से देखा। वो लाल गृह से 10,000 किलोमीटर दूर था। लेकिन उसने उसकी तस्वीरें भेजी।
 
वाइकिंग 1 और 2 : अमेरिका ने 1975 में उपग्रहों के साथ दो रॉकेट छोड़े। वाइकिंग 1 और 2 ने मंगल ग्रह के अलग इलाकों में माइक्रोऑर्गेनिज्म खोजे, पर कुछ नहीं मिला।
webdunia
पाथफाइंडर : अंतरिक्ष यान ने 1997 में मंगल पर उतरने के बाद वहां रोवर सोजर्नर छोड़ा। यह पड़ोसी द्वीप पर रोवर का पहला सफल इस्तेमाल था।
 
अपॉर्चुनिटी : मंगल पर 2004 से स्थित नासा के टेस्ट यान अपॉर्चुनिटी द्वारा भेजे गए डाटा से संकेत मिला कि मंगल पर कभी पानी रहा हो सकता है।
 
क्यूरियोसिटी : 900 किलो का अमेरिकी रोवर क्यूरियोसिटी मंगल पर भेजा जाने वाला अब तक का सबसे बड़ा रिसर्च रोबोट है। वह 2012 से सक्रिय है।
webdunia
मंगलयान : भारत ने भी मंगल की पड़ताल के लिए मंगलयान अंतरिक्ष में भेजा है। यह यान मंगल के चारों ओर चक्कर लगा रहा है और सतह के बारे में सूचनाएं भेज रहा है।
 
मिशन 2020 : चीन ने भी इस साल मंगल मिशन 2020 की घोषणा की है। इस मिशन पर सौर ऊर्जा से चलने वाला एक रोबोट ले जाया जाएगा।
 
रिपोर्ट: महेश झा

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

विदेश से फोन पर तीन तलाक, मुफ्ती की मंजूरी