आमिर अंसारी
भारत सरकार समर्थित ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स के बाजार में आने के बाद से फूड एग्रीटेर प्लेटफार्मों स्विगी और जोमैटो को कड़ी टक्कर मिल रही है। हालांकि ओएनडीसी का अपना कोई ऐप नहीं है।
ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) को सितंबर 2022 में बीटा के रूप में लॉन्च किया गया था। कई ग्राहकों ने हाल ही में नेटवर्क पर फूड और ग्रॉसरी की डिलीवरी सर्विस के बारे में जाना और उनमें से कई इस बात पर हैरान हुए कि ओएनडीसी ऑर्डर लेने वाले ऐप्स पर खाना स्विगी और जोमैटो जैसी लोकप्रिय डिलीवरी सर्विस ऐप्स से सस्ता है।
मामला केवल खाने के सस्ता होने तक सीमित नहीं है, शेयर बाजार में लिस्टेड जोमैटो के शेयरों पर भी ओएनडीसी का असर दिख रहा है। पहले से ही घाटे में चल रही कंपनी के शेयरों में मंगलवार (9 मई) को करीब सात प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। दरअसल अमेरिकी फंड मैनेजर इन्वेस्को ने प्रतिस्पर्धी फूड डिलीवरी एग्रीगेटर स्विगी का मूल्यांकन घटाकर आधा कर दिया है। जिसका असर जोमैटो के शेयरों में भी देखने को मिला। ओएनडीसी के आने के बाद से निवेशकों में इसको लेकर सतर्कता है।
स्विगी और जोमैटो को कितना खतरा
कैपिटल माइंड के संस्थापक दीपक शेनॉय ने अंग्रेजी अखबार इकोनॉमिक टाइम्स से कहा कि यह आकलन करना जल्दबाजी होगी कि ओएनडीसी स्विगी और जोमैटो के कारोबार को कैसे प्रभावित करेगा, लेकिन यह एक खतरा है। शेनॉय ने कहा कि यह आने वाले समय में देखा जाएगा कि क्या यह प्रतियोगिता जोमैटो के मुनाफे की राह बदलती है। मुझे लगता है कि ब्लिंकिट जोमैटो के लिए एक बड़ी समस्या है।
स्विगी और जोमैटो के मुकाबले ओएनडीसी से खाना ऑर्डर करने में कीमत के अंतर को बताने के लिए कई लोगों ने ट्विटर का सहारा लिया है। ट्विटर पर एक यूजर ने बताया कि ओएनडीसी पर एक मैकडॉनल्ड्स बर्गर की कीमत स्विगी और जोमैटो पर एक उपभोक्ता द्वारा भुगतान की जाने वाली कीमत से आधे से भी कम है। कई लोगों ने तीनों प्लेटफॉर्म पर मिलने वाले खाने की कीमत की लिस्ट भी पोस्ट की।
कई और ट्विटर यूजर्स ने सोशल मीडिया पर कीमतों को लेकर पोस्ट शेयर किया है। उदाहरण के लिए ओएनडीसी पर मार्गरेटा पिज्जा की कीमत 156 रुपए है, जो जोमैटो से 20 फीसदी सस्ता है। ओएनडीसी पर एक मैकचिकन बर्गर की कीमत 109 रुपए है जबकि जोमैटो पर इसकी कीमत 280 रुपए है।
आखिर क्या है ओएनडीसी और कैसे मचाई खलबली
ओएनडीसी उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) की तरफ से ऑनलाइन खरीदारी के लिए विकल्प के तौर पर स्थापित गैर-लाभकारी प्लेटफॉर्म है। यह नेटवर्क कोई ऐप नहीं है, बल्कि डिजिटल कॉमर्स में बदलाव लाने के लिए एक आसान प्लेटफॉर्म है।
ओएनडीसी खरीदार और विक्रेता को सीधे जोड़ता है। ओएनडीसी का अपना कोई ऐप नहीं है लेकिन ग्राहक को खाना ऑर्डर करने के लिए ओएनडीसी के नेटवर्क पर जाना होता है। फिलहाल ओएनडीसी के विक्रेता के रूप में पेटीएम, मैजिकपिन, मीशो, फोनपे और मायस्टोर जुड़ चुके हैं। जबकि शैडोफॉक्स, डनजो, लोडशेयर जैसे ऐप से डिलीवरी की जाती है। हालांकि, इसके लिए रेस्तरां इन ऐप्स को डिलीवरी के लिए भुगतान करता है। फिलहाल ग्राहकों को डिलीवरी फीस से छूट मिली हुई है।
कीमत में फर्क
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बेंगलुरू में जब मैजिकपिन ऐप के जरिए ओएनडीसी पर और स्विगी ऐप के जरिए एक ही रेस्तरां से एक ही डिश ऑर्डर की गई तो कीमत में 8 प्रतिशत का अंतर मिला। वहीं अगर कमीशन की बात की जाए तो जोमैटो और स्विगी द्वारा रेस्तरां से लिया जाने वाला कमीशन 18 से 25 फीसदी के बीच होता है, जबकि ओएनडीसी प्लेटफॉर्म पर कमीशन आधे से भी कम 8 से 10 फीसदी के बीच है।
विश्लेषकों का कहना है कि जोमैटो और स्विगी को अपने ग्राहकों को बनाए रखने के लिए भारी डिस्काउंट और अन्य प्रमोशन की पेशकश करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।
ई-कॉर्मस के क्षेत्र में भी इस्तेमाल
ओएनडीसी सिर्फ फूड डिलीवरी तक ही सीमित नहीं है और उसका इस्तेमाल एमेजॉन और फ्लिपकार्ट के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए ई-कॉमर्स माध्यम के तौर पर भी किया जा सकेगा।
भारत में ऑनलाइन फूड डिलीवरी के क्षेत्र में दो दिग्गज कंपनी जोमैटो और स्विगी का ही दबदबा है। एचएसबीसी ग्लोबल रिसर्च नोट के मुताबिक जोमैटो 56 प्रतिशत बाजार भागीदारी के साथ दिग्गज कंपनी है, जबकि स्विगी की भागीदारी 44 प्रतिशत है।
ओएनडीसी के सीईओ टी कोशी ने एक अखबार से बातचीत में कहा कि इस क्षेत्र में कई खिलाड़ियों के प्रवेश करने के साथ ओपन नेटवर्क पर लेन-देन की संख्या में वृद्धि हुई है और यह अन्य डोमेन जैसे कि ग्रॉसरी और मोबिलिटी में भी जारी रहेगा। ओपन नेटवर्क पर फूड और ग्रॉसरी स्पेस ने इस साल जनवरी से काम करना शुरू किया था।
पहले से ही बेंगलुरू में ओएनडीसी के साथ जुड़ी नम्मा यात्री सेवा ने मोबिलिटी के क्षेत्र में काफी ध्यान आकर्षित किया है। नम्मा यात्री पर ऑटो यात्री द्वारा सीधा बुक किया जा सकता है और इसके लिए कमीशन नहीं लिया जाता है। किराया ऑटो ड्राइवर को बिना किसी कटौती के मिल जाता है।
20 अप्रैल को ओएनडीसी के नेटवर्क पर सबसे अधिक 11,000 रिटेल ऑर्डर दिए गए थे। यह लॉन्च होने के बाद रिकॉर्ड संख्या में ऑर्डर थे।
बेंगलुरू में बीटा टेस्टिंग के बाद ओएनडीसी नेटवर्क कई शहरों में काम कर रहा है, जहां ग्राहक फूड और ग्रॉसरी ऑर्डर कर सकते हैं और फिलहाल भारी डिस्काउंट का लाभ भी ले सकते हैं।
प्लेटफॉर्म की वेबसाइट के मुताबिक ओएनडीसी वर्तमान में मुंबई, पुणे, बेंगलुरू, नोएडा, कोलकाता और चेन्नई समेत 236 शहरों में काम कर रहा है। यह 29,000 से अधिक विक्रेताओं को जोड़ने का भी दावा करता है, जो प्लेटफॉर्म पर 36 लाख से अधिक उत्पाद बेचते हैं।