Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

महाथिर मोहम्मद के इस्तीफे के बाद मलेशिया में राजनीतिक उथल-पुथल

हमें फॉलो करें महाथिर मोहम्मद के इस्तीफे के बाद मलेशिया में राजनीतिक उथल-पुथल
, मंगलवार, 25 फ़रवरी 2020 (10:02 IST)
मलेशिया के प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने अचानक इस्तीफा दे दिया है। देश के राजा ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है लेकिन उनसे कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने रहने का अनुरोध किया है जिसे उन्होंने मान लिया है।
 
94 साल के महाथिर मोहम्मद के अचानक इस्तीफे से देश और पड़ोस के देशों के लोग हैरान हैं। इस इस्तीफे के बाद मलेशिया में सत्ताधारी गठबंधन टूट गया है। महाथिर की बरसातु पार्टी ने सत्ताधारी गठबंधन से बाहर आने का ऐलान कर दिया है। इससे मौजूदा सरकार का पतन लगभग निश्चित है। सत्ताधारी गठबंधन में शामिल पार्टियों के नेता महाथिर से वापस लौटने की मांग कर रहे हैं। 
पुराने प्रतिद्वंद्वी अनवर इब्राहीम के साथ महातिर की पार्टी के गठबंधन ने 2018 के चुनाव में जीत हासिल की थी। चुनाव के पहले महाथिर ने वादा किया था कि वे अनवर को एक दिन सत्ता सौप देंगे हालांकि फिलहाल उन्होंने इस वजह से इस्तीफा नहीं दिया है।
 
महाथिर मोहम्मद ने फिलहाल इस्तीफे की वजह नहीं बताई है लेकिन इसके बाद गठबंधन के घटक दलों और विपक्षी दलों के बीच सरकार बनाने पर बातचीत शुरू हो गई है।
 
मलेशिया के वित्तमंत्री और गठबंधन में शामिल डेमोक्रेटिक एक्शन पार्ट के नेता लिम गुयान एंग ने सोमवार को पत्रकारों से कहा कि उनकी पार्टी माहथिर को फिर से प्रधानमंत्री के रूप में नामांकित करने का समर्थन करती है। गठबंधन में शामिल 4 पार्टियों में अमानाह भी हैं। अमानाह ने भी महाथिर के प्रधानमंत्री बने रहने को समर्थन देने की बात कही है।
 
महाथिर मोहम्मद के सत्ता छोड़ने और गठबंधन से बाहर निकलने के बाद सत्ताधारी और विपक्षी दलों में बातचीत के दौर शुरू होने को अनवर इब्राहीम ने 'धोखा' कहा है। रविवार को उन्होंने फेसबुक पर एक वीडियो बयान जारी किया। महाथिर के इस्तीफे के तुरंत बाद अनवर इब्राहीम की पार्टी के 11 सदस्यों ने आर्थिक मामलों के मंत्री अजमीन अली के साथ एक नया गुट बनाने की घोषणा कर दी। 
 
मलेशिया में मौजूदा राजनीतिक उठापटक रविवार को एक सर्वदलीय बैठक के बाद शुरू हुई। बैठक के दौरान यह अटकलें लगाई जाने लगीं कि मौजूदा गठबंधन खत्म कर एक नया गठबंधन बनाया जाएगा। अनवर इब्राहीम ने इस बैठक को 'धोखाधड़ी' कहा और उनके समर्थकों को लगा कि उन्हें प्रधानमंत्री बनने से रोकने के लिए यह सब किया जा रहा है। अनवर और महाथिर के बीच लंबे समय तक प्रतिद्वंद्विता रही है।
 
1990 के दशक में अनवर देश के वित्त और उपप्रधानमंत्री थे। उन्हें महाथिर का वारिस माना जाता था। लेकिन 1997-98 के आर्थिक संकट के दौरान उन्हें भ्रष्टाचार और समलैंगिक संबंधों के आरोप में जेल में डाल दिया गया।
 
अनवर का कहना था कि उन्हें फंसाया गया। इसके बाद इन दोनों नेताओं में 2018 के संसदीय चुनाव के समय मेलजोल हुआ। चुनावों में इस गठबंधन को भारी जीत मिली। इसके बाद महाथिर प्रधानमंत्री बने लेकिन उन्होंने इब्राहीम अनवर को सत्ता सौंपने का वादा किया था जिसकी तारीख लगातार टलती रही।
 
हाल के महीनों में महाथिर मोहम्मद भारत सरकार की कश्मीर मामले को लेकर आलोचना की वजह से भी सुर्खियों में रहे हैं। भारत मलेशियाई पाम ऑइल का सबसे बड़ा खरीदार रहा है लेकिन इस आलोचना के बाद भारतीय कंपनियों ने खरीदारी काफी घटा दी है।
 
एनआर/ओएसजे (डीपीए)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

क्या है दिल्ली के स्कूलों में होने वाला हैप्पीनेस करिकुलम