Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

जब नेताओं ने कहा, ये दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे

Advertiesment
हमें फॉलो करें जब नेताओं ने कहा, ये दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे
, मंगलवार, 31 जुलाई 2018 (11:04 IST)
क्या अंतरराष्ट्रीय स्तर के राजनेता दोस्त बन सकते हैं? जवाब मुश्किल है। आज इंटरनेशनल फ्रेंडशिप डे के मौके पर जानते हैं कि वे कौन से अंतरराष्ट्रीय नेता हैं जिनकी दोस्ती की चर्चा दुनिया भर में होती है।
 
 
कास्त्रो ने इंदिरा को गले लगाया
1983 में गुट निरपेक्ष देशों की शिखर भेंट के दौरान फिदेल कास्त्रो ने तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को गले लगा लिया था। इस पर इंदिरा गांधी अवाक रह गई थीं। कास्त्रो ने कहा कि दुनिया भाई-बहन के इस रिश्ते को याद रखेगी। इसके बाद सम्मेलन कक्ष तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। कास्त्रो की यह अंतिम भारत यात्रा थी।
 
 
आसमान में होती हंसी-ठिठोली
जर्मनी के पूर्व चांसलर हेल्मुट कोल और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की गहरी यारी के बारे में सारी दुनिया जानती है। यह तस्वीर 1998 की है जब दोनों फ्रैंकफर्ट जा रहे थे और हंसी-मजाक चल रहा था। क्या आज जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप के बीच ऐसी दोस्ती की उम्मीद की जा सकती है? शायद नहीं।
 
 
दोस्ताना किस
इस तस्वीर को देखकर शायद आप कुछ और समझ लें, लेकिन यह सिर्फ दो देशों के बीच की दोस्ती है। 5 अक्टूबर, 1979 तो पूर्वी जर्मनी के नेता एरिष होनेकर (दाएं) और सोवियत नेता लियोनिद ब्रेझनेव ने एक दूसरे को किस करके दोस्ती जाहिर की। नेताओं के ऐसे चुंबन को समाजवादी चुंबन कहा जाता था। यह मौका पूर्वी जर्मनी के गठन की 30वीं सालगिरह का था।
 
 
जर्मनी और फ्रांस की दोस्ती
द्वितीय विश्व युद्ध खत्म होने के 13 साल बाद पहली बार तत्कालीन जर्मन चांसलर कोनराड आडेनावर (दाएं) और फ्रेंच राष्ट्रपति चार्ल्स द'गॉल मिले और सबको चौंका दिया। इसके बाद दोनों ने सदियों से दुश्मन रहे देशों के बीच दोस्ती की नींव रखने की कोशिश की। यह 1962 की तस्वीर है जब बॉन शहर में लोग यूरोप के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे थे।
 
 
जेहोफर के साथ यह कौन?
जर्मनी के मौजूदा गृहमंत्री हॉर्स्ट जेहोफर किसको गले लगा रहे हैं? यह तस्वीर 2016 की है जब जेहोफर बवेरिया राज्य के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। उन्होंने हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान को यूं गले लगा लिया था। चर्चा शुरू हुई कि क्या यह महज सिर्फ दोस्ती है।
 
 
दोस्ती के लिए बेसमेंट में सोए
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप और इस्राएल के प्रधानमंत्री बेन्जामिन नेतन्याहू की गहरी दोस्ती से कई देशों को रश्क हो सकता है। ट्रंप अपने दामाद व सलाहकार जैरेड कुशनर की सलाह पर भरोसा करते हैं जो मध्य पूर्वी एशिया की राजनीति के एक्सपर्ट हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की मानें तो दोस्ती का आलम यह है कि एक बार कभी नेतन्याहू मिलने गए तो वह कुशनर के कमरे में सोए और खुद कुशनर बेसमेंट में जाकर सोए।
 
 
...ऐसे मिले जैसे कभी जुदा न थे
अब तक अमेरिका और उत्तरी कोरिया के रिश्तों में तनातनी की खबरें हम सुनते आ रहे थे, लेकिन 2018 में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई शासक किम जोंग उन की ऐतिहासिक मुलाकात ने सभी की बोलती बंद कर दी। दोनों राष्ट्राध्यक्ष जब मिले तो ऐसा लगा कि दोनों की यारी पुरानी है। शायद दोनों नेताओं का अप्रत्याशित होना ही वह कड़ी है जो दोनों को जोड़ती है।
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

हर भारतीय के डीएनए में है सिर हिलाने का यह बर्ताव