भारत में धूल भरे तूफान ने इस साल बड़ी तबाही मचाई है। चलिए जानते हैं कि क्यों आते ये तूफान।
कब आते हैं ये तूफान
धूल भरे तूफान तब आते हैं जब रेगिस्तान या किसी अन्य सूखे सपाट मैदान में बहुत तेज गर्मी पड़ती है। इससे कम दबाव का का क्षेत्र बनता है।
ऐसे होती है शुरुआत
ऐसे तूफानों की शुरुआत ऐसी रेतीली जमीन से होती है जहां थडरस्ट्रॉर्म आया हो। फिर जमीन से गर्म हवाएं उठती हैं और बादलों में जाने लगती हैं।
बादल और हवाओं का खेल
बादलों में जाने के बाद यह गर्म हवा नमी को सोखने लगती है और अपने आसपास की हवा से भारी हो जाती है।
वापस जमीन पर
इसके बाद वह हवा बड़ी तेजी के साथ नीचे जमीन पर आती है और इसके साथ उस सीमित इलाके में बारिश होने लगती है।
तेज हवाएं
ये तेज हवाएं जमीन से टकराने के बाद चारों तरफ फैलने लगती हैं। ये हवाएं इतनी तेज होती हैं कि बारिश वाले क्षेत्र से निकल कर सूखे इलाके में दाखिल हो जाती हैं।
तूफान का आगाज
चूंकि वहां की रेत या धूल सूखी होती है, तो वह हवा के साथ बवंडर के रूप में उड़ने लगती है। यही धूल भरे तूफान की शुरुआता है।
हर तरफ तूफान
तेज हवाएं धूल और रेत को इस कदर वातावरण में छितरा देती हैं कि कुछ भी दिखना बंद हो जाता है।
तूफान से तबाही
ये तूफान भारी तबाही का कारण बनते हैं। भारत में इस साल धूल भरी इन आंधियों से जानमाल का बड़ा नुकसान हुआ है।