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कोरोना: यूएन ने 'जनता की वैक्सीन' का आग्रह किया

हमें फॉलो करें कोरोना: यूएन ने 'जनता की वैक्सीन' का आग्रह किया

DW

, गुरुवार, 17 सितम्बर 2020 (16:37 IST)
यूएन ने कोरोना से लड़ने के लिए सभी को वैक्सीन देने का आग्रह किया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेश ने दुनिया को साथ आकर वैश्विक महामारी से लड़ने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कोरोना इस वक्त सबसे बड़ा खतरा है।
 
दुनिया इस वक्त बेसब्री के साथ एक ऐसे टीके के इंतजार में है जिसका इस्तेमाल कोरोनावायरस के खिलाफ किया जा सके। कई देशों में इस वक्त कोरोनावायरस से लड़ने के लिए वैक्सीन ट्रॉयल स्तर पर है। रूस और चीन जैसे देशों में वैक्सीन पर काम तेज गति से हो रहा है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेश ने कोरोनावायरस को हराने और टीका विकसित करने के लिए दुनिया के सभी देशों को साथ आने को कहा है। उन्होंने कहा कि हमें ऐसी वैक्सीन की जरूरत है, जो किफायती हो और सबके लिए उपलब्ध हो। एक तरह से जनता की वैक्सीन। उन्होंने कहा कि इस वक्त दुनिया के लिए सबसे बड़ा कोई खतरा है तो वह कोरोनावायरस है।
 
गुटेरेश ने कहा कि अभी से वैक्सीन को वैश्विक जनता की भलाई के लिए माना जाना चाहिए, क्योंकि कोविड-19 किसी सीमा को नहीं मानता है। गुटेरेश ने डब्ल्यूएचओ द्वारा वैक्सीन पर तेजी से काम करने पर आगे बढ़ने के लिए बड़े पैमाने पर फंडिंग की अपील की है।
 
170 से अधिक देशों में कोवैक्स को लेकर पहल पर बातचीत चल रही है। हालांकि अमेरिका वैश्विक कोशिश में शामिल होने से इंकार कर चुका है। डब्ल्यूएचओ कोरोना की वैक्सीन विकसित करने और उसे पूरी दुनिया में समान रूप से पहुंचाने की कोशिश में है। गुटेरेश का कहना है कि अकेले टीकाकरण से इस संकट को हल नहीं किया जा सकता है खासकर निकट समय में। उनके मुताबिक मौजूदा उपकरणों का विस्तार किया जाना चाहिए और मरीजों तक इलाज पहुंचाना चाहिए।
 
वैक्सीन को लेकर बढ़ती गलत जानकारी पर उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि दुनिया में अविश्वास चारों ओर बढ़ रहा है और इसे रोकने के लिए प्रयास किए जाने की जरूरत है। यूएन महासचिव ने बुधवार को एक रिपोर्ट भी जारी की जिसमें बताया कि यूएन ने कोरोनावायरस की शुरुआत के बाद देशों की मदद के लिए क्या-क्या कदम उठाए और दुनिया को अभी क्या करना चाहिए?
 
22 सितंबर से संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक शुरू होने वाली है और इसमें दुनियाभर के नेता इस गंभीर संकट पर अपना मत रखेंगे। हर साल होने वाली बैठक में दुनियाभर से हजारों प्रतिनिधि हिस्सा लेने न्यूयॉर्क पहुंचते हैं लेकिन इस साल यूएन ने देश के प्रमुखों को वीडियो स्पीच देने को कहा है।
 
एए/सीके (डीपीए, एएफपी)

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