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यूक्रेन को फंड देने के तरीके पर क्या ईयू में बन पाएगी सहमति?

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हमें फॉलो करें Will EU be able to reach an agreement on how to fund Ukraine

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, शुक्रवार, 5 दिसंबर 2025 (23:40 IST)
- स्वाति मिश्रा
ईयू चाहता है जब्त रूसी संपत्ति के बदले यूक्रेन को फंड दे। ये ऐसी अनजानी राह है, जिसे पहली बार खंगाला जा रहा है। बेल्जियम इस पर राजी नहीं। क्या जर्मनी समेत बाकी देश बेल्जियम को मना पाएंगे? यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला फॉन डेय लाएन, ब्रसेल्स स्थित नाटो मुख्यालय में नाटो विदेश मंत्रियों की मीटिंग के दौरान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए अगले दो साल यूक्रेन को अपनी जरूरतें पूरी करने का पैसा कहां से मिलेगा, इसके लिए यूरोपियन यूनियन (ईयू) के पास एक योजना है। इसके तहत, जब्त की गई रूस की संपत्तियों से अरबों यूरो की रकम लेकर यूक्रेन को फंड दिए जाने का प्रस्ताव है।

ईयू ने 3 दिसंबर को अपनी योजना के ब्योरे तो जारी किए, लेकिन उसके भीतर ही इस प्लान पर सहमति नहीं बन पाई है। बेल्जियम ने योजना को खारिज किया और जोर देकर कहा कि इसके साथ आगे बढ़ने में बड़े वित्तीय और कानूनी जोखिम हैं।
 
जर्मनी समेत ईयू के कई देश बेल्जियम को मनाने की कोशिश कर रहे हैं। जर्मन चांसलर फ्रीडरिष मैर्त्स 5 दिसंबर को नॉर्वे की यात्रा पर जाने वाले थे। अब वह नॉर्वे ना जाकर बेल्जियम जाएंगे। वहां वह बेल्जियम के प्रधानमंत्री बार्त दे वेवर के साथ डिनर करेंगे। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष, उर्सुला फॉन डेय लाएन भी उनके साथ होंगी।
 
क्या है यूरोपीय आयोग का प्रस्ताव?
इससे पहले 3 दिसंबर को उर्सुला फॉन डेय लाएन ने यूक्रेन को दी जाने वाली प्रस्तावित मदद के ब्योरे पेश किए। उन्होंने कहा कि साल 2026-27 में यूक्रेन की वित्तीय और सैन्य जरूरतों के वास्ते जितने फंड की जरूरत है, उसका दो-तिहाई हिस्सा ईयू मुहैया कराएगा।
 
मैर्त्स ने दी चेतावनी, 'यूक्रेन की संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं'
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के मुताबिक, यूक्रेन को अनुमानित 13,700 करोड़ यूरो का फंड चाहिए यानी ईयू 9,000 करोड़ यूरो की राशि देगा। बाकी का फंड कहां से आएगा? लाएन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों से अपील की जाएगी कि वे इस बचे हुए खर्च को उठाएं। 
 
विदेश मंत्री योहान वाडेफुल ने बातचीत में कहा कि जर्मनी, बेल्जियम की चिंताओं को गंभीरता से ले रहा है और इस विषय पर सभी ईयू सदस्यों के साथ बातचीत कर रहा है। यूक्रेन को दी जाने वाली फंडिंग कथित रेपरेशन्स लोन यानी 'मुआवजा कर्ज' के रूप में दी जाएगी और फ्रीज किया गया रूस का पैसा कर्ज वापसी के भुगतान का 'कोलैट्रल' बनाया जाएगा। लाएन ने प्रस्ताव रखते हुए कहा, आज हम यूक्रेनी लोगों को एक बहुत मजबूत संदेश भेज रहे हैं। इस लंबे प्रयास में हम उनके सात हैं।
 
फ्रीज की गई रूसी संपत्तियों के बाबत लाएन ने कहा कि इसके कारण रूस और अमेरिका के बीच शांति वार्ता में यूक्रेन की स्थिति मजबूत होगी। साथ ही, यह रूसी सरकार को संदेश भी देगा कि उनकी तरफ से युद्ध को और लंबा खींचने की बड़ी कीमत उन्हें भी चुकानी होगी। लाएन ने यह भी बताया कि इस प्रस्ताव की जानकारी ट्रंप प्रशासन को दी जा चुकी है।
 
ईयू के सभी देशों की सहमति चाहिए, लेकिन... 
साल 2022 में जब से युद्ध शुरू हुआ है, ईयू 17,000 करोड़ यूरो से ज्यादा दे चुका है। अब उसने अगले दो साल भी यूक्रेन को फंड देने का आश्वासन दिया है। यहां एक बड़ी तकनीकी बाध्यता आम सहमति की है। किसी भी योजना पर अमल के लिए जरूरी है कि सभी 27 सदस्य मंजूरी दें। हंगरी पहले ही यूक्रेन को मदद देने की कोशिशें ब्लॉक करता रहा है।
 
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लाएन, रूसी संपत्तियों के एवज में यूक्रेन को कर्ज देने की जिस योजना पर आगे बढ़ना चाहती हैं, उसका ज्यादातर पैसा बेल्जियम में है। जून 2025 तक यह राशि करीब 194 अरब यूरो थी। यूरोप में कुल मिलाकर 210 अरब यूरो मूल्य की संपत्तियां हैं।
 
ईयू से बाहर जापान में भी यह फंड है, करीब 50 अरब डॉलर। इसके अलावा अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा में भी राशि है, लेकिन कम मात्रा में। आयोग के जटिल प्रस्ताव में बेल्जियम की आशंकाओं का जवाब देते हुए सुरक्षा के कुछ उपाय सुझाए गए हैं, ताकि ईयू देशों को रूस के संभावित बदले की कार्रवाई से बचाया जा सके। यूक्रेन को दी जाने वाली प्रस्तावित फंडिंग कथित रेपरेशन्स लोन के रूप में दी जाएगी। फ्रीज किया गया रूस का पैसा कर्ज वापसी के भुगतान का 'कोलैट्रल' बनाया जाएगा।
 
बेल्जियम ने क्या चिंताएं रखी हैं?
बेल्जियम के विदेश मंत्री माक्सिम प्रेवो ने कहा कि उनके देश का मानना है कि रेपरेशन्स लोन का विकल्प सबसे खराब है, क्योंकि इसमें जोखिम है। ऐसा पहले कभी नहीं किया गया है। ब्रसेल्स में बयान देते हुए प्रेवो ने ईयू से यूक्रेन की मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार से पैसा उठाने की अपील की।
 
उन्होंने कहा, रेपरेशन लोन्स की योजना में बड़े आर्थिक, वित्तीय और कानूनी जोखिम हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यूरोपीय आयोग के प्रस्ताव बेल्जियम की चिंताओं का निदान नहीं करते हैं, यह स्वीकार्य नहीं है कि पैसा इस्तेमाल करो और जोखिम का सामना करने के लिए हमें अकेला छोड़ दो।
 
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बेल्जियम को यह चिंता भी है कि फाइनैंशल क्लियरिंग हाउस 'यूरोक्लियर, जिसके पास जब्त की गई संपत्तियां हैं, वह कानूनी कार्रवाई कर सकता है। उस सूरत में, अगर रूस अपने फंड के इस्तेमाल को चुनौती दे या फिर फंड इस्तेमाल करने का फैसला यूरोक्लियर की साख और व्यावसायिक हितों पर असर डाले।
 
जर्मन चांसलर फ्रीडरिष मैर्त्स 5 दिसंबर को नॉर्वे की यात्रा पर जाने वाले थे। अब उनका कार्यक्रम बदल गया है। वह नॉर्वे की जगह बेल्जियम जा रहे हैं। 'क्लियरिंग हाउस', कारोबार की जाने वाली संपत्तियों (फाइनैंशनल इंस्ट्रूमेंट्स) के लिए विक्रेता और खरीदार के बीच एक मध्यस्थ होता है। 'यूरोक्लियर बैंक' फाइनैंशनल मार्केट इन्फ्रास्ट्रक्चर (एफएमआई) सेवाएं देने वाला एक अंतरराष्ट्रीय प्रोवाइडर है। इसका मुख्यालय बेल्जियम में है।
 
प्रेवो ने यह भी कहा कि बेल्जियम को महसूस हो रहा है कि ईयू सहयोगी उसकी चिंताओं पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा, हम अपने सहयोगियों या यूक्रेन को नाराज नहीं करना चाहते हैं। हम बस उस सदस्य देश को संभावित दुर्भाग्यपूर्ण नतीजों से बचाना चाहते हैं, जिससे कहा जा रहा है कि एकजुटता दिखाओ, लेकिन बदले में वही एकजुटता उसे नहीं दी जा रही है।
 
बेल्जियम ने एक गारंटी यह भी मांगी है कि अगर कल को कोई अदालत फैसला सुनाए कि रूस का पैसा उसे लौटाना होगा, तो उस स्थिति में मॉस्को को भुगतान करने के लिए ईयू के सदस्य जल्दी पैसा देंगे। साथ ही, अगर रूस ने मुकदमा किया तो कानूनी प्रक्रिया का जो भी खर्च आएगा, उसे भी ईयू के बाकी देश वहन करेंगे।
 
बेल्जियम के सवालों पर क्या बयान आए?
बेल्जियम की चिंताओं पर आयोग की अध्यक्ष लाएन ने कहा, हमने बेल्जियम की चिंताओं को बहुत सावधानी से सुना है, और उनमें से तकरीबन सभी का हमने अपने प्रस्ताव में ध्यान रखा है। हम उचित तरीके से भार साझा करेंगे, क्योंकि यही यूरोपीय तरीका है।
 
ईयू के कई अन्य सदस्यों का भी कहना है कि वे बेल्जियम की चिंताओं को समझते हैं। नीदरलैंड्स के विदेश मंत्री डेविड फान वील ने रेखांकित किया कि प्रस्तावित फंड बहुत, बहुत अहम हैं। जरूरत है कि हम यूक्रेनी अर्थव्यवस्था की मदद करें, वरना उनके लिए अगला साल बहुत मुश्किल होगा।
 
बेल्जियम की चिंताओं पर उन्होंने कहा, हम बेल्जियम की आशंकाओं को समझते हैं और कम-से-कम यह सुनिश्चित करने के लिए तैयार हैं कि इस मामले में वे अकेले ना पड़ें। फान वील ने यह भी कहा कि फ्रीज की गई रूसी संपत्ति को गारंटी बनाकर यूक्रेन को कर्ज देने का प्रस्ताव, कीव को आगे मदद मुहैया कराने का एकमात्र संभव विकल्प है।
 
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जर्मन विदेश मंत्री योहान वाडेफुल ने बातचीत में कहा, हम बेल्जियम की चिंताओं को गंभीरता से लेते हैं। वे तर्कसंगत हैं, लेकिन उन मसलों को हल किया जा सकता है। इसे सुलझाया जा सकता है, अगर हम साथ मिलकर जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार हैं।
 
वाडेफुल ने यह भी कहा कि इस विषय पर जर्मनी सभी ईयू सदस्यों के साथ बातचीत कर रहा है। उन्होंने लक्ष्य स्पष्ट करते हुए बताया कि जर्मनी चाहता है, क्रिसमस से पहले यूरोपीय आयोग में एक अच्छे नतीजे पर पहुंचा जा सके।
 
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वाडेफुल ने भी माना कि जब्त रूसी संपत्तियों के बदले यूक्रेन को फंड मुहैया कराने की मौजूदा योजना, बेशक ऐसा कानूनी दायरा है जिसका पहले कभी इस्तेमाल नहीं किया गया है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा, जर्मनी इन संपत्तियों को इस्तेमाल लायक बनाने के स्पष्ट राजनीतिक लक्ष्य पर चल रहा है, क्योंकि यूक्रेन को वित्तीय मदद चाहिए और रूस को अपने युद्ध का जवाब देना होगा।
 
रूस ने इस योजना को चोरी बताया है। वह इस तरह अपनी संपत्तियों के इस्तेमाल पर ईयू और बेल्जियम को चेतावनी दे चुका है। ईयू के कई देश कुछ गलत हो जाने की स्थिति में वित्तीय गारंटी मुहैया कराने पर राजी हो गए हैं। ईयू के नेता अब 18 दिसंबर को ब्रसेल्स में हो रहे एक सम्मेलन में इस योजना और यूक्रेन की आर्थिक-सैन्य जरूरतों पर चर्चा करेंगे।

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