अगले कुछ दशकों में दुनिया की जनसंख्या में 2 अरब से ज्यादा लोग जुड़ सकते हैं। इस तरह 2080 के दशक में लगभग दुनिया की आबादी 10.3 अरब के आसपास पहुंच जाएगी, जो इसका चरम हो सकता है।
विश्व जनसंख्या दिवस पर जारी की गई संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट कहती है कि 2080 के बाद दुनिया की आबादी घटनी शुरू हो सकती है और तब सदी के अंत तक घटकर लगभग 10.2 अरब हो जाएगी।
विश्व जनसंख्या संभावनाएं 2024 शीर्षक से जारी रिपोर्ट के अनुसार, पहले के अनुमानों के मुकाबले जनसंख्या के जल्दी चरम पर पहुंचने के कई कारण हैं। इनमें से एक प्रमुख कारण दुनिया के कुछ सबसे बड़े देशों में प्रजनन दर का कम होना है, खासकर चीन में, जिसकी जनसंख्या 2024 में 1.4 अरब से घटकर 2100 में 63.3 करोड़ हो जाने की संभावना है।
वैश्विक रूप से, महिलाएं 1990 की तुलना में औसतन एक बच्चा कम पैदा कर रही हैं और सभी देशों और क्षेत्रों में से आधे से अधिक में, प्रति महिला औसत जन्म 2.1 से कम है। यह वह स्तर है जो किसी देश की जनसंख्या को बिना प्रवास के अपना आकार बनाए रखने के लिए जरूरी होता है।
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या डिवीजन की यह रिपोर्ट कहती है कि चीन, इटली, दक्षिण कोरिया और स्पेन समेत दुनिया के लगभग 20 प्रतिशत देशों में प्रजनन दर अत्यधिक कम है। यानी इन देशों में प्रति महिला 1.4 से कम बच्चे पैदा कर रही हैं।
पर्यावरण को फायदा
संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक मामलों के अवर महासचिव ली जुनहुआ ने कहा, "(अनुमान से) पहले और निचले चरम पर पहुंचना एक आशाजनक संकेत है। इसका मतलब है कि मानव प्रभावों के कारण कम कुल खपत से पर्यावरण पर कम दबाव पड़ेगा।"
ली ने जोर दिया कि धीमी जनसंख्या वृद्धि के बावजूद लोगों को अभी भी पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए अपनी गतिविधियों के प्रभाव को कम करना होगा। रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में 63 देशों और क्षेत्रों में जनसंख्या पहले ही चरम पर पहुंच चुकी है, जिनमें चीन, जर्मनी, जापान और रूस शामिल हैं। इस समूह में, कुल जनसंख्या अगले 30 वर्षों में 14 फीसदी घटने की संभावना है।
अन्य 48 देशों और क्षेत्रों में, जिनमें ब्राजील, ईरान, तुर्की और वियतनाम शामिल हैं, जनसंख्या 2025 और 2054 के बीच चरम पर पहुंचने की संभावना है।
बाकी 126 देशों और क्षेत्रों के लिए, जिनमें अमेरिका, भारत, इंडोनेशिया, नाइजीरिया और पाकिस्तान शामिल हैं, जनसंख्या 2054 तक बढ़ते रहने की उम्मीद है। रिपोर्ट कहती है कि संभवतया सदी के दूसरे हिस्से में या उसके बाद इन देशों की आबादी अपने चरम पर पहुंच सकती है। भारत इसी साल चीन को पीछे छोड़ दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन चुका है।
अंगोला, सेंट्रल अफ्रीकी रिपब्लिक, कांगो, नाइजीरिया और सोमालिया समेत नौ देश ऐसे हैं जिनके लिए संयुक्त राष्ट्र ने बहुत तेजी से जनसंख्या वृद्धि की भविष्यवाणी की है। इनकी जनसंख्या 2024 और 2054 के बीच दोगुनी हो जाएगी।
75 साल से बढ़ रही है आबादी
पिछले 75 वर्षों में दुनिया की जनसंख्या नाटकीय रूप से बढ़ी है। 1950 में अनुमानित 2.6 अरब से बढ़कर नवंबर 2022 में यह 8 अरब हो गई थी। तब से, यह लगभग 2.5 फीसदी बढ़कर 8.2 अरब हो गई है।
वॉशिंगटन स्थित जनसंख्या संस्थान की अध्यक्ष और सीईओ कैथलीन मोगेलगार्ड ने गुरुवार के नए अनुमानों को दुनिया भर में बढ़ते जनसांख्यिकीय विभाजन का संकेत बताया। रिपोर्ट में 100 से अधिक देशों और क्षेत्रों की पहचान की गई है जिनकी जनसंख्या पहले ही चरम पर पहुंच चुकी है या अगले 30 वर्षों में पहुंच जाएगी।
मोगेलगार्ड के मुताबिक यह दिखाता है कि और भी अधिक देश हैं जहां जनसंख्या बढ़ती रहेगी, जिनमें से कई दुनिया के सबसे गरीब देशों में से हैं।