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पाकिस्तान दोस्त, भारत साझेदार: अमेरिका

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- गुलशन मधुर (वॉशिंगटन से)
अमेरिका भारत और पाकिस्तान के साथ संबंधों की नीति को स्पष्ट करने की कोशिश में बेहद सतर्कता बरत रहा है। रिचर्ड हॉल्ब्रुक ने पाकिस्तान को बेहद करीबी दोस्त और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भारत को रणनीतिक साझेदार बताया है।

अमेरिका भारत और पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों की नीति को स्पष्ट करने की कोशिश में बेहद सतर्कता बरत रहा है। रिचर्ड हॉल्ब्रुक ने पाकिस्तान को बेहद करीबी दोस्त और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भारत को रणनीतिक साझेदार बताया है।

पत्रकारों ने ये सवाल पाकिस्तान को अमेरिकी सहायता के मुद्दे पर उठाए थे। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के लिए विशेष अमेरिका दूत रिचर्ड हॉल्ब्रुक ने एक सवाल के जवाब में कहा कि ओबामा सरकार और अमेरिकी कांग्रेस पाकिस्तान को एक बेशकीमती दोस्त और साथी मानती है, जो ऐसी हालत में है कि उसे अमेरिकी सहायता की जरूरत है और यह कि कांग्रेस ऐसा कर रही है, इस तथ्य को पाकिस्तान में वैसे ही समझा जाना चाहिए, जैसे हम यहाँ समझते हैं- यह कि हम पाकिस्तान को कितना महत्वपूर्ण मानते हैं।'

कांग्रेस ने पाकिस्तान को सैनिक सहायता वाला एक विधेयक पास किया है जिसमें यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी शर्तें जोड़ी गई हैं कि सहायता की राशि की फिजूलखर्ची न की जाए या उसका लक्ष्य से हटाकर इस रूप में इस्तेमाल न किया जाए कि क्षेत्र में सत्ता का संतुलन बिगड़ता हो।

हॉल्ब्रुक ने कहा, 'सहायता के साथ शर्तें जोड़ने की बात नई नहीं है और कि यह शर्तें पाकिस्तान पर नहीं बल्कि स्वयं अमेरिकी प्रशासन पर लागू होती हैं, मैं बिल्कुल स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि पाकिस्तान पर कोई शर्तें लागू नहीं हैं। स्थिति पर रिपोर्ट देने की जिम्मेदारी हमारी है। अगर आप पिछले तीस वर्षों के सहायता विधेयक देखें, तो पाएँगे कि लगभग सभी विधेयकों के साथ स्थिति की रिपोर्ट दिए जाने की शर्त जुड़ी हुई है।'

इस नए रक्षा विधेयक में शामिल शर्तों के तहत अमेरिकी विदेश और रक्षा मंत्रियों को यह प्रमाणन करना होगा कि यह सहायता अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा हित के अनुकूल है और उससे क्षेत्र में सत्ता के संतुलन पर विपरीत असर नहीं पड़ेगा। जाहिर है यह इशारा भारत के संदर्भ में किया गया है।

कुछ ही देर बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इयन कैली ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता को भारत और पाकिस्तान के साथ अमेरिका के संबंधों के परिप्रेक्ष्य में इस रूप में पेश किया, 'जहाँ तक पाकिस्तान को हमारी सहायता की बात है, उसका उद्देश्य एक साझे खतरे का सामना करना है। यह खतरा केवल पाकिस्तान को ही नही, बल्कि मैं यह दलील दूँगा कि भारत के लिए भी है, और वह खतरा उग्रवादी धार्मिक अतिवाद से है।'

कैली ने कहा कि सहायता का पूरा कार्यक्रम उस चुनौती का सामना करने के लिए पाकिस्तान की साझे की भावना से मदद करना है। भारत के साथ हमारा संबंध सामरिक और महत्वपूर्ण है और हम पाकिस्तान को यह सहायता आमतौर पर बहुत खुले और पारदर्शी तरीके से मुहैया कर रहे हैं। जनता, समाचार-माध्यमों और भारत जैसे महत्वपूर्ण सामरिक साझेदारों की जानकारी में।

पाकिस्तान को 2 अरब 30 करोड़ डॉलर की यह सहायता 2010 के लिए 680 अरब डॉलर के उस अमेरिकी रक्षा अधिकरण विधेयक का हिस्सा है, जिसे सीनेट ने गुरुवार को और अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने इस महीने पहले पास किया था। यह विधेयक अब हस्ताक्षर के लिए राष्ट्रपति बराक ओबामा को भेजा जाएगा।

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