Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

आप भी जानें अपना भविष्य...

हमें फॉलो करें आप भी जानें अपना भविष्य...
webdunia

पं. अशोक पँवार 'मयंक'

WD
आज के इस आपाधापी के युग में किसे नहीं अपने भविष्य के बारे में जानने की चिंता होती। आज हर इंसान त्रस्त है, कोई आर्थिक तंगी से तो किसी को करियर की चिंता है। ऐसे में भविष्वक्ता की पौबारह हो रही है। सच्चा भविष्वक्ता वही जो सही मार्गदर्शन करे और आने वाले की समस्याओं का हल खोजे। आने वाला कल कैसा होगा, इसके लिए हमें जानना होगा कि वर्तमान में दशा-महादशा किसकी चल रही है और उसमें अंतर किन ग्रहों का चल रहा है।

जिन ग्रहों की महादशा चल रही है उनका जन्मकुंडली में क्या स्थान है व किस स्थिति में है या जिनका अंतर चल रहा है उनकी कैसी स्थिति है, फिर जान सकते हैं कि आने वाला कल कैसा होगा। जन्म कुंडली एक्सरे के समान और दशा-अंतरदशा ब्लड रिपोर्ट के ‍समान होते हैं।

जिस प्रकार अच्छा डॉक्टर इन रिपोर्टों को देखकर अच्छा इलाज कर सकता है, उसी प्रकार अच्छा ज्योतिषी भी आपकी स्थिति को जान अच्छा उपाय बता सकता है। मेष लग्न की पत्रिका में तृतीयेश की महादशा हो तो पराक्रम अधिक करना पड़ेगा तभी सफलता हासिल होगी। यदि अंतर लग्नेश मंगल या पंचमेश सूर्य या नवमेश दशमेश गुरु, ‍शिन का अंतर हो तो सफलता पाना खुद पर निर्भर करता है। आलस्य छोड़ निरंतर आगे बढ़ते रहना चाहिए। तृतीयेश बुध की दशा में मंगल सम, सूर्य अतिमित्र, गुरु भी उन्नतिदायक होगा। शनि की अंतरदशा हो तो नौकरी-व्यापार में सफलता मिलती है।
  सच्चा भविष्य वक्ता वही जो सही मार्गदर्शन करे और आने वाले की समस्याओं का हल खोजे। आने वाला कल कैसा होगा, इसके लिए हमें जानना होगा कि वर्तमान में दशा-महादशा किसकी चल रही है और उसमें अंतर किन ग्रहों का चल रहा है।      


जन्म समय मिथुन, मेष, सिंह, धनु, मकर, कुंभ राशि में अंतर मंगल, बुध, गुरु, सूर्य चंद्र का चले तो उत्तम फल मिलेंगे। मंगल की महादशा में शनि के अंतर में या ‍शनि की महादशा में मंगल के अंतर में व्यापारिक, नौकरी, राजनीतिक, आर्थिक सावधानी रखकर चलना चाहिए। वृषभ लग्न में शुक्र, बुध, शनि की महादशा अंतरदशा उत्तम व्यतीत होती है व इनमें भविष्य का जीवन अच्छा जाता है बशर्ते कि शुक्र नीच का न हो, बुध-शनि भी नीचस्थ न हों व षष्ठ-अष्टम में न हों।

गुरु की महादशा में जातक को आर्थिक लाभ होता है, अत: गुरु की महादशा भी ठीक रहेगी। मिथुन लग्न में बुध, शुक्र, शनि की महादशा उत्तम जाती है व इन महादशाओं में जातक अपना भविष्य बना लेता है। शनि की आधी दशा कुछ कष्टपूर्वक व्यतीत होती है। ऐसी स्थिति में पन्ना व हीरा या ओपल पहनना श्रेष्ठ रहता है।

कर्क लग्न में चंद्र की महादशा मन को भटकाती है अत: मन स्थिर करे तो किसी भी कार्य में सफलता मिलती है। नवम भाग्य की महादशा चले तो उसे पुखराज पहनना शुभ फलदायी रहेगा। ऐसे जातकों का भाग्य बढ़ेगा। पंचम मंगल की महादशा चले तो विद्या-संतान से लाभ होता है। इन्हीं महादशा में अंतर भी उपरोक्त ग्रहों का चले तो और भी अच्छा रहता है। ऐसी स्थिति में अवसर का लाभ उठाकर बेहतर भविष्य बनाया जा सकता है।

सिंह लग्न में सूर्य की महादशा तेजस्वी बनाती है। उसके कार्य में उन्नति होती है व सफलता मिलती चली जाती है। गुरु की महादशा हो तो भाग्योन्नति होती है। जमीन-जायदाद का सुख मिलता है। मान-प्रतिष्ठा बढ़ती है। उच्च पदों तक पहुँचने वाला होता है। कन्या लग्न में नवम शुक्र की दशा चले तो हीरा पहनकर अच्छा लाभ पाया जा सकता है, भाग्योन्नति में वृद्धि होकर बेहतर जीवन व्यतीत होता है।

बुध की महादशा स्वप्रयत्नों से सफल बनाती है। वहीं शनि की आधी महादशा शुभ फलदायी होती है तो आधी परिश्रम अधिक कराती है। ग्रह जब अच्छे परिणाम देते हैं तब जन्मकुंडली में मार्गी हो, उदय हो, मित्र क्षेत्री या स्वक्षेत्री या उच्च के होना चाहिए।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi