कालसर्प योग के दुष्परिणाम संक्षेप में
* विभिन्न प्रकार के दैहिक व मानसिक कष्ट भोगने पड़ते हैं। स्वास्थ्य प्राय: बिगड़ा रहता है।
* पैतृक संपत्ति उसके जीवन में नष्ट हो जाती है या पैतृक संपत्ति उसे नहीं मिलती। मिलती भी है तो आधी-अधूरी।
* भाइयों का जातक को सुख नहीं मिलता। कार्य-व्यवसाय में भाई-बंधु धोखा देते हैं।
* जन्म स्थान से दूर जाकर जीविकोपार्जन करता है। भूमि-भवन का सुख नहीं मिलता है।
* शिक्षा भरपूर लेकर भी उसका जीवन में उपयोग नहीं होता।
* संतान से कष्ट पाता है। संतान निकम्मी व चरित्रहीन होती है।
* आजीवन जातक संघर्ष करता रहता है। शत्रु भय निरंतर बना रहता है।
* गृहस्थ जीवन सुखी नहीं रहता। गृहकलह पीड़ा देता है। पत्नी मनोनुकूल नहीं मिलती।
* भाग्य कभी साथ नहीं देता।
* दु:स्वप्न वशात् अनिद्रा का रोग पाल लेता है।
* कोर्ट-कचहरी, दावे-थाने के चक्कर लगाने पड़ते हैं। धन का नाश होता है।