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कुंडली से जानें मोटापे का राज

हमें फॉलो करें कुंडली से जानें मोटापे का राज

भारती पंडित

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पुरुष हो या स्त्री, परफेक्ट फिगर या संतुलित काया आज समय की माँग हो चली है। इसी के चलते शरीर पर मांस चढ़ते ही स्त्री-पुरुष डाइटिंग के फेर में पड़ने लगते हैं। जिम के चक्कर काटने लगते हैं। वह समय जब तक वे जिम या डाइटिंग के नियम पालते हैं, वजन घटता है। बाद में फिर वही ढाक के तीन पात...

वास्तव में हमारे शरीर की संरचना हमारी कुंडली निर्धारित करती है। चंद्रमा, बृहस्पति और शुक्र ये तीन ग्रह शरीर में वसा की मात्रा को नियंत्रित करते हैं। वात, पित्त व कफ की मात्रा बढ़ने से शरीर में मोटापा बढ़ता है। इसके अलावा यदि लग्न में जलीय राशि जैसे कर्क, वृश्चिक हो और इनके स्वामी भी शुभ हो या लग्न में जलीय प्रकृति का ग्रह हो तो शरीर पर मोटापा बढ़ेगा ही। ऐसी स्थिति में बाहरी उपाय की बजाय ग्रहों को मजबूत करना फायदा देगा

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1. यदि कुंडली में जलीय लग्न हो, चंद्रमा की स्थिति ठीक न हो तो चाँदी के गिलास में पानी पीना, सफेद वस्तु का सेवन करना लाभ‍दायक रहता है। चंद्र मंत्र का जाप, चंद्र यंत्र धारण करना भी लाभ देते हैं।

2. यदि कुंडली में बृहस्पति खराब हो या उच्च स्थित हो (बुरे भाव का स्वामी होकर) तो तैलीय-मसालेदार भोजन से परहेज रखें। गले में हल्दी की गाँठ गुरुवार को धारण करने से मोटापे पर नियंत्रण हो सकता है। पीली वस्तुओं का दान और गुरु के मंत्र का जाप लाभ दे सकता है।

3. यदि शुक्र खराब होने से मोटापा बढ़ रहा है तो सफेद व ठंडी चीजों से परहेज रखें। मांस-मदिरा के सेवन से बचें। त्रिफला का नियमित सेवन करने से लाभ मिलता है। खट्टी-मीठी वस्तुओं का दान भी लाभ देगा।

कई बार गोचर के ग्रहों का लग्न से भ्रमण होने पर भी मोटापा बढ़ता है। अत: इन ग्रहों का अध्ययन करके अन्य उपायों के साथ इन उपायों को अपनाने से उपयुक्त फल प्राप्त हो सकते हैं।

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