Festival Posters

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

क्या आप है भाग्यशाली, जानिए कुंडली से

आपकी जन्मपत्रिका में भाग्य स्थान कैसा है

Advertiesment
हमें फॉलो करें जन्मकुंडली
* जानिए जन्मकुंडली से कैसे चमकाएं अपना भाग्य

FILE


जन्मकुंडली में बीच के स्थान यानी लग्न से लेकर नौवां स्थान भाग्य का माना जाता है। यह स्थान तय करता है कि व्यक्ति का भाग्य कैसा होगा, कब चमकेगा और कब उसे प्रगति के मार्ग पर ले जाएगा। आइए जानते हैं पत्रिका के भाग्य भाव की रोचक जानकारी-

अगर पत्रिका में नवम भाव का स्वामी नवम भाव में ही हो तो ऐसा जातक भाग्य लेकर ही पैदा होता है। उसे जीवन में तकलीफ नहीं आती। यदि इस भाव के स्वामी रत्न का धारण विधिपूर्वक कर लें तो तेजी से भाग्य बढ़ने लगता है।


webdunia
FILE


* नवम भाव का स्वामी अष्टम भाव में हो तो भाग्य भाव से द्वादश होने के कारण व अष्टम अशुभ भाव में होने के कारण ऐसे जातकों को अनेक बाधाओं का सामना करना पड़ता है। अत: ऐसे जातक नवम भाव की वस्तु को अपने घर की ताक पर एक वस्त्र में रखें तो भाग्य बढ़ेगा।


webdunia
FILE


* नवम भाग्यवान का स्वामी षष्ट भाव में हो तो उसे अपने शत्रुओं से भी लाभ होता है। नवम षष्ट में उच्च का हो तो वो स्वयं कभी कर्जदार नहीं रहेगा न ही उसके शत्रु होंगे। ऐसी स्थिति में उसे उक्त ग्रह का नग धारण नहीं करना चाहिए।

webdunia
FILE


* नवम भाव का स्वामी यदि चतुर्थ भाव में स्वराशि या उच्च का या मित्र राशि का हो तो वह उस ग्रह का रत्न धारण करें तो भाग्य में अधिक उन्नति होगी। ऐसे जातकों को जनता संबंधित कार्यों में, राजनीति में, भूमि-भवन-मकान के मामलों में सफलता मिलती है। ऐसे जातक को अपनी माता का अनादर नहीं करना चाहिए।

webdunia
FILE


* नवम भाव का स्वामी यदि नीच राशि का हो तो उससे संबंधित वस्तुओं का दान करना चाहिए। ज‍बकि स्वराशि या उच्च का हो या नवम भाव में हो तो उस ग्रह से संब‍ंधित वस्तुओं के दान से बचना चाहिए।


webdunia
FILE


* नवम भाव में गुरु हो तो ऐसे जातक धर्म-कर्म को जानने वाला होगा। ऐसे जातक पुखराज धारण करें तो यश-प्रतिष्ठा बढ़ेगी।


webdunia
FILE


* नवम भाव में स्वराशि का सूर्य या मंगल हो तो ऐसे जातक उच्च पद पर पहुंचते हैं। सूर्य व मंगल जो भी हों उससे संबंधित रंगों का प्रयोग करें तो भाग्य में वृद्धि होगी।


webdunia
FILE


* नवम भाव का स्वामी दशमांश में स्वराशि या उच्च का हो व लग्न में शत्रु या नीच राशि का हो तो उसे उस ग्रह का रत्न पहनना चाहिए तभी राज्य, व्यापार, नौकरी जिसमें हाथ डाले वह जातक सफल होगा।








webdunia
FILE


* नवम भाव की महादशा या अंतरदशा चल रही हो तो उस जातक को उक्त ग्रह से संबंधित रत्न अवश्य पहनना चाहिए। इस प्रकार हम अपने भाग्य में वृद्धि कर सफलता पा सकते हैं

हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi