Hanuman Chalisa

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

चतुर्थ भाव से सुख का आकलन

Advertiesment
हमें फॉलो करें चतुर्थ भाव से सुख का आकलन
webdunia

पं. सुरेन्द्र बिल्लौरे

WD
किसी भी जातक की जन्म कुंडली में चतुर्थ भाव घर, वाहन, माता व सुख भाव होता है। इसी भाव से अचल संपत्ति, भौतिक सुख-सुविधा, तालाब, बावड़ी व घर का वातावरण जान सकते हैं। इस भाव में विभिन्न प्रकार के सुख को जानिए ग्रह की उपस्थिति और उनकी दृष्टि से।

1. चतुर्थ भाव में यदि बुध स्थित है और इसी भाव में शुभ ग्रहों की दृष्टि पड़ रही है तो राजयोगी योग बनता है। ऐसे जातक के घर में अनेक नौकर-चाकर रहते हैं। साधन-संपन्न होकर तमाम सुख-सुविधाओं को प्राप्त करने वाला होता है।

2. चतुर्थ भाव में कारक ग्रह चंद्रमा यदि विराजमान है और यदि वह उच्च का या स्वराशि पर स्थित है तथा उच्च ग्रहों की दृष्टि इस भाव पर पड़ रही है तो जातक को सभी प्रकार के सुख प्राप्त होते हैं। उसका जीवन आनंदमय व्यतीत होता है।

3. इस भाव में सूर्य शुभ नहीं माना गया है। नीच का सूर्य जातक को धनहीन, भूमिहीन बना देता है। इसके कारण बार-बार स्थान परिवर्तन भी होता है। सिंह का सूर्य इस भाव में शुभ होता है।
  किसी भी जातक की जन्म कुंडली में चतुर्थ भाव घर, वाहन, माता व सुख भाव होता है। इसी भाव से अचल संपत्ति, भौतिक सुख-सुविधा, तालाब, बावड़ी व घर का वातावरण जान सकते हैं। इस भाव में विभिन्न प्रकार के सुख को जानिए ग्रह की उपस्थिति और उनकी दृष्टि से।      


4. चतुर्थ भाव में चंद्रमा स्थित होने पर और शुभ ग्रहों की दृष्टि पड़ने पर साथ में शुक्र पर चंद्रमा की दृष्टि पड़ने पर जातक के पास अनेक वाहन होते हैं।

5. चतुर्थ भाव में यदि राहु-केतु विराजमान हैं तो जातक को धार्मिक प्रवृत्ति वाला बना देते हैं। ये चतुर्थ भाव में मौन रहते हैं।

6. शनि का चतुर्थ भाव जातक को वृद्धावस्था में चिड़चिड़ा, एकांतप्रिय या संन्यासी बना सकता है। नीच का शनि भिखारी जैसी हालत कर सकता है।

7. चतुर्थ भाव का शुक्र और शुभ ग्रहों की दृष्टि जातक को भौतिक सुख प्रदान करती है। कभी-कभी ऐसे जातक का भाग्य उसके विवाह करने के बाद उदय होता है।

8. चतुर्थ भाव में मंगल जातक को अपराधी प्रवृत्ति का बना देता है और सबकुछ तबाह कर देता है। जिन जातकों की कुंडली में यह स्थिति हो उन जातकों को इसकी शांति अवश्य कराना चाहिए।

9. चतुर्थ भाव में उच्च का बृहस्पति होना और यदि शुभ ग्रहों की दृष्टि उस पर पड़ रही है तो जातक को राज्य से धन प्राप्ति का योग बनता है। इसके फलस्वरूप वह उच्च पद भी पा सकता है। नीच का गुरु परिवार और भाई से द्वेष या दुश्मनी करा सकता है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi