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वृश्चिक लग्न की विशेषताएँ

वृश्चिक लग्न हेतु शुभाशुभ ग्रह

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हमें फॉलो करें वृश्चिक लग्न

भारती पंडित

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वृश्चिक लग्न के व्यक्ति आकर्षक व्यक्तित्व के होते हैं। विशेषत: इनकी आँखें बेहद आकर्षक होती हैं। बेहद वाचाल होते हैं। बोलते समय अकसर अपना आपा खो देते हैं और छोटी-सी बहस लड़ाई में बदल जाती है। दूसरों में दोष ढूँढ़ने में भी ये आगे रहते हैं। महत्वाकांक्षी, उदार, आत्मविश्वासी व्यावहारिक होते हैं। थोड़े स्वार्थी भी होते हैं। माँ से बेहद प्रेम करते हैं। अवसर का लाभ उठाने में चतुर होते हैं।

शुभ ग्रह : चंद्रमा नवमेश, सूर्य दशमेश व बृहस्पति पंचमेश होकर बेहद शुभ होते हैं। इनकी दशा-महादशा बेहद लाभदायक होती है, अत: कुंडली में इनका शुभ होना आवश्यक है।

अशुभ ग्रह : बुध अष्टमेश, शुक्र व्ययेश और शनि तृतीयेश होकर अशुभ हो जाते हैं। इनकी दशा-महादशा कठिनाई से निकलती है विशेषकर शुक्र में शनि का अंतर मृत्युतुल्य कष्ट देता है। अत: उपाय, जप दान कराते रहें।

तटस्थ ग्रह : मंगल इस लग्न के लिए स्थिर या तटस्थ हो जाता है।

इष्ट देव : हनुमानजी
रंग : सफेद, पीला-नारंगी
संख्‍या : 3, 5, 9
वार : सोमवार, बृहस्पतिवार
रत्न : माणिक, पुखराज

इस लग्न/राशि के व्यक्तियों को मकर, कुंभ, तुला, वृषभ राशि/लग्न के व्यक्तियों से विवाह नहीं करना चाहिए। इस लग्न के व्यक्तियों को 28वें वर्ष के बाद सफलता मिलती है।

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