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वृषभ लग्न की विशेषताएँ

वृषभ लग्न के लिए शुभाशुभ ग्रह

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भारती पंडित

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सौंदर्य की चाहत भी होती है प्रब

स्वभाव : वृषभ राशि व लग्न पर शुक्र का पूर्ण प्रभाव होने से इन व्यक्तियों में सौंदर्य व प्रेम की चाहत स्वा‍भाविक रूप से होती है। व्यक्तित्व आकर्षक होता है। विशेषत: यदि लग्न पर शुक्र की दृष्टि हो, शनि का प्रभाव न हो तो बाल प्रौढ़ावस्था तक काले रहते हैं, उम्र का प्रभाव नहीं दिखता। इनकी अभिरू‍चि कलात्मक होती है। कला में विशेष रूचि खाने-पीने का शौक होता है। घर से बाहर घूमने-फिरने, आराम करने की प्रवृत्ति, थोड़े से स्वार्थी भी होते हैं। इस राशि के व्यक्ति व्यसनाधीन जल्दी होते हैं जिससे स्वास्थ्य हानि हो सकती है।

शुभ ग्रह : शनि (भाग्येश व राज्येश), सूर्य (चतुर्थेश) बुध (पंचमेश)
अशुभ ग्रह : चंद्रमा (तृतीयेश), बृहस्पति (अष्टमेश व आयेश)
तटस्थ गृह : शुक्र (लग्नेश, षष्ठेश), मंगल (सप्तमेश, व्ययेश)

शुभ रत्न : नीलम, माणिक, पन्ना
(शनि आदि ग्रहों की शुभता हेतु)

शुभ रंग : हरा, नीला, काला
शुभ वार : शनिवार, रविवार
इष्ट देव : दुर्गा जी

विशेष : वृषभ लग्न वाले व्यक्तियों की अपने जीवनसाथी से अपेक्षाएँ बढ़ी-चढ़ी रहती हैं। अत: शनि व गुरु के स्वामित्व वाले लग्न के व्यक्ति से विवाह संबंध न बनाएँ।

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