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कुंडली से जानें दुर्घटना का पूर्व समय...

हमें फॉलो करें कुंडली से जानें दुर्घटना का पूर्व समय...

आचार्य डॉ. संजय

इससे पहले दिए गए हमारे लेख 'जानें अपना भविष्य' में हमने चर्चा की थी कि क्या ज्योतिष के आधार पर जातक के साथ होने  वाली दुर्घटना का पूर्व समय का पता लगाया जा सकता है? इसका जवाब है कि यदि कुंडली सही बनी है तो जातक के जीवन में आने वाली बड़ी घटना-दुर्घटना का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है। 
 
ज्योतिष के अनुसार दुर्घटना का संबंध लग्न और लग्नेश से रहता है। लग्न जातक के स्वयं का होता है। लग्न में शुभ ग्रह होना   चाहिए। अशुभ ग्रह हानि पहुंचाते हैं। शुभ ग्रह स्थित होने से और शुभ दृष्टि होने से सुरक्षा होती है।  अकारक ग्रह या मारक ग्रह  जब भी लग्न या लग्नेश पर गोचर करता है तब दुर्घटना होने के योग बनते है। अकारक ग्रह या मारक ग्रह की यदि दशा-अंतर्दशा  चल रही हो, तो जातक को कष्ट और दुर्घटना होने के योग बनते है।    
 
आगे पढ़ें दुर्घटना का समय और कौन-से ग्रहों के कारण होती हैं दुर्घटनाएं... 


 

दुर्घटना का समय : ग्रह का गोचर लग्न पर हो, वही समय दुर्घटना का होता है। इसी तरह से आने वाली दुर्घटना का पूर्व अनुमान लगाया जा सकता है।  


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दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार ग्रह व योग :-  
 
* ग्रह मंगल और शनि दुर्घटनाओं के योग बनाते हैं।
* लग्न या दूसरे घर में राहु और मंगल,
* लग्न में शनि,
* लग्न में मंगल ग्रह,
* तीसरे घर में मंगल या शनि ग्रह, 
* 5वें भाव में मंगल या शनि दशा अवधि :12वां , 8वां, चौथा भाव की ग्रह की महादशा, अंतर्दशा, प्रत्यंतर दशा, अवधि के दौरान  दुर्घटना हो सकती है या अस्पताल में भर्ती हो सकते है, आदि जान सकते हैं।  

 
अगले अंक में हम जानेंगे कैसे बनते हैं कुंडली में दुर्घटना के योग...। 

 
 

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