Biodata Maker

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

कुंडली से जानिए कौन सा रोग हो सकता है आपको....

Advertiesment
हमें फॉलो करें janm kundli aur rog
webdunia

पं. प्रणयन एम. पाठक

जन्म कुंडली में कारकांश कुंडली का बहुत महत्व होता है। कारकांश ग्रह द्वारा जातक का सही भविष्य ज्ञान होता है अतः कारक ग्रह के आधार पर ग्रहों के द्वारा प्राप्त रोगों का निवारण करना चाहिए। 


 

 
* यदि कारक ग्रह मेष नवांश में हो तो जातक को चूहे, बिलाव, कुत्ते, भेड़, पैर वाले सरीसृप से भय होता है तथा मस्तिष्क रोग की आशंका रहती है। यदि यह ग्रह शनि हो तो भाई से विवाद तथा मानसिक कष्ट भी देता तथा मस्तिष्क की शल्यक्रिया के योग भी बनते हैं।
 
 
webdunia


 


* वृषभ का नवांश हो तो चौपाये (चार पैर वाले) जानवरों से खतरा रहता है।

 

 
webdunia


 

 
* मिथुन जातक को हाथों में चोट लगने की पूर्ण आशंका रहती है। जातक को त्वचा रोग एवं खुजली जैसे रोग भी होते हैं।
 
 
webdunia


 


* कर्क ग्रह हो तो जातक को जल से सावधान रहना चाहिए। शीत रोग भी ऐसे जातक को बने रहते हैं।
 
webdunia


 


* सिंह के नवांश में हो तो दाद-खाज आदि से कष्ट, पेट में रोग व नेत्र कष्ट की आशंका।
 

 
webdunia


 


* कन्या के नवांश में ग्रह हो तो त्वचा रोग से जातक परेशान रहता है। आग से जातक को सावधान रहना चाहिए।
 
 
webdunia


 


* तुला राशि का जातक उत्तम व्यापारी एवं लेन-देन के कार्य में धन प्राप्त करता है।
 
 
webdunia


 


* वृश्चिक में कारक हो तो सरिसृपों से भय रहता है।
 
 
webdunia


 


* धनु राशि में कारक हो तो वाहन चलाते समय सावधानी रखना चाहिए तथा अधिक ऊंचाइयों के स्थान पर नहीं चढ़ना चाहिए।
 
 
webdunia


 


* मकरांश में कारक होने से शंख, मोती, मूंगा आदि से मछली एवं पक्षियों से लाभ होता है।
 
 
webdunia


 


* कुंभ में कारक हो तो तालाब बनवाने वाला, मंदिर निर्माता तथा आस्तिक होता है।
 
 
webdunia


 


* मीन में कारक हो तो साक्षात मोक्ष प्राप्त होता है, ऐसा पाराशरजी का मत है। लेकिन इसमें भी शुभाशुभ ग्रहों के अनुसार ही फल होता है।
 
शुभ ग्रह के योग से शुभ फल तथा अशुभ ग्रह के योग अशुभ फल प्राप्त होते हैं अतएव कुंडली में शुभ-अशुभ ग्रहों के बलाबल को देखकर ही फल का निर्णय करें। आत्मकारक शुभ ग्रह की राशि में हो तो जातक धनी होता है।
 
 
webdunia

 


यदि कारकांश में अथवा लग्नांश में शुभ हो तो निश्चय ही जातक राजा होता है। यदि कारकांश ग्रहों में सूर्य बलवान हो तो जातक राजकीय कार्य करने वाला होता है। चन्द्र के बलवान होने पर 80 वर्ष की आयु होती है तथा विद्या द्वारा जीविकोपार्जन करने वाला जातक होता है। 
 
यदि कारकांश में भौम हो तो अग्नि द्वारा, रसों द्वारा धन कमाता है। शुक्र के रहने पर राजा से सम्मान प्राप्त होता है। यदि कारकांश में सूर्य एवं राहु हो तो सर्प से भय एवं मृत्यु होती है।
 
कारकांश में सूर्य राहु हो और भौम उसे देखता हो तो जातक अपना तथा दूसरे का घर बर्बाद करने वाला होता है।
 
जब गुलिक कारकांश में तथा बुध से देखा जाता हो और मंगल से नवम हो तो हार्निया रोग होता है। कारकांश में केतु हो एवं शुक्र बुध से देखा जाता हो तो जातक रुक-रुककर बोलने वाला होता है।


 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi