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पैरों की पद्मरेखा से जानिए अपना भाग्य...

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पं. प्रणयन एम. पाठक

जानिए पैरों की पद्मरेखा (भाग्य रेखा)
 
जिस प्रकार हाथों में भाग्य रेखा होती है, ठीक उसी प्रकार पैरों में भी पद्मरेखा (भाग्य रेखा) पाई जाती है तो आज हम पैरों की पद्मरेखा (भाग्य रेखा) पर चर्चा करेंगे।


 
 
पुरुषों का दायां पैर एवं स्त्रियों का बायां पैर फलादेश के लिए महत्वपूर्ण है। इसका तात्पर्य यह नहीं है कि स्त्रियों के दाएं एवं पुरुषों के बाएं पैर में स्थित रेखाओं का महत्व नहीं होता है अर्थात इसे ऐसे समझें। स्त्रियों के बाएं एवं पुरुषों के दाएं पैर की रेखाएं 100 प्रतिशत फलदायक होती हैं एवं पुरुषों के बाएं एवं स्त्रियों के दाएं पैर की रेखाएं 50 प्रतिशत फलदायक सिद्ध होती हैं अतः सदैव दोनों पैरों का महत्व होता है।
 
1. पैरों की पद्मरेखा (भाग्य रेखा)- जिस प्रकार हाथ में भाग्य रेखा होती है ठीक उसी प्रकार पैर में यह खड़ी रेखा पाई जाती है। यह रेखा जितनी गहरी, लंबी, स्पष्ट एवं निर्दोष होती है, जातक उतना ही अधिक सुख-संपत्तियुक्त जीवन-यापन करता है। इसे पद्म रेखा भी कहते हैं। अगर यह रेखा एड़ी के निचले भाग से प्रांरभ होकर अंगुष्ठ तक जाए तो जातक देश-विदेश में प्रसिद्ध सम्राट (राजा) होता है।
 
2. पैरों के मध्य से निकलकर तीन रेखाएं साथ चलकर आगे बढ़े और उसमें से एक रेखा अंगुलियों तक पहुंच जाए तो ऐसा जातक परम ऐश्वर्यशाली एवं प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है।
 
3. यदि एक खड़ी रेखा लगभग तीन इंच की एड़ी के मध्य स्थित हो तो ऐसा जातक मदिरापान करने वाला तथा अपने स्वजन बंधु-बांधव, पुत्र आदि से विरोध रखता है। उसे अपनी मदिरापान मंडली के मित्र ही अच्छे लगते हैं।
 
4. पैरों के मध्यभाग से निकलकर एक खड़ी रेखा अंगुलियों तक जाए तो ऐसा व्यक्ति सौभाग्यशाली होता है। यदि यही रेखा अनामिका उंगली पर जाए तो जातक आलसी होता है।
 
5. यदि किसी के पैरों के अंगूठे के नीचे कोई खड़ी रेखा हो तो जातक धनवान, यशस्वी, विद्यावान होता है।
 
6. यदि पैरों के मध्य अंगुलियों तक खड़ी रेखा के समकक्ष एक और रेखा हो तो स्त्री या पुरुष राज्याधिकारी, उच्च पदाधिकारी, सुख-समृद्धि एवं वैभव प्राप्त करते हैं।
 
7. यदि एड़ी के मध्य चार इंच की कोई रेखा हो तो ऐसे स्त्री या पुरुष चोर प्रवृत्ति के होते हैं।

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